स्टेशन पर सौर उर्जा
संयंत्र का उद्घाटन मंडल रेल प्रबंधक नरेश सालेचा ने किया।
इस दौरान कंटेनर कॉरपोरेशन (कॉनकोर) के मुख्य प्रबंध निदेशक अनिल कुमार
गुप्ता, वरि. मंडल बिजली इंजीनियर सुरेन्द्र गोयल,
क्षेत्रीय प्रबंधक कमल शर्मा तथा मंडल के
अधिकारी उपस्थित थे। इस सौर उर्जा संयंत्र की
स्थापना हेतु रेलवे, कंटेनर कॉरपोरेशन (कॉनकोर) तथा सीईएल
(सेंट्रल इलेक्ट्रोनिक लि.) कंपनी तथा विज्ञान व
प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार के बीच करार किया
गया। इसके पश्चात् भीलवाड़ा तथा आबूरोड में सोलर प्लांट लगाया
जाना है। कंटेनर कॉरपोरेशन (कॉनकोर) द्वारा कॉरपोरेट सामाजिक सहभागिता
(सीएसआर) के तहत फंड की व्यवस्था करवाई गई
है। सेंट्रल इलेक्ट्रोनिक लिमिटेड द्वारा अजमेर स्टेशन पर 40 (किलोवाट
पीक) के संयंत्र का पांच वर्ष की वारंटी में
सीईएल (सेंट्रल इलेक्ट्रोनिक लि.) द्वारा रखरखाव किया जाएगा।
सेंट्रल इलेक्ट्रोनिक लि ने 20 किलोवाट पीक का सोलर पैनल
उदयपुर सिटी स्टेशन पर लगाया है जिससे प्राप्त
बिजली उदयपुर स्टेशन के प्लेटफार्म व वहां रेलवे कार्यालयों को
निर्बाध उपलब्ध हो सकेगी। यह सौर पैनल प्रतिवर्ष 37500
यूनिट बिजली का उत्पादन करेगा जिससे प्रतिवर्ष दो लाख 62 हजार
रुपए की बचत हो सकेगी। इस प्रोजेक्ट
की अनुमानित आयु 25 वर्ष है। इस प्रकार इस सोलर पैनल द्वारा
रेलवे को कुल 65.62 लाख की बचत हो सकेगी। यह
सोलर संयंत्र न केवल ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देगा अपितु पर्यावरण को
स्वच्छ बनाये रखने में भी मददगार साबित होगा।
प्लेटफार्म 4 पर जाने वाला मार्ग बंद : उदयपुर सिटी स्टेशन पर
अतिरिक्त पिट लाईन का निर्माण व वाशिंग लाईन के मरम्मत कार्य के कारण
स्टेशन पर बने पैदल यात्री पुल (एफओबी)
की मीटर गेज के प्लेटफार्म नं. 4 पर जाने वाला मार्ग
अस्थाई रूप से कल अर्थात 6 अप्रेल से लगभग 1 माह 15 दिन के लिए बंद
किया जा रहा है। प्लेटफार्म 4 पर जाने वाले मीटर गेज ट्रेनों के
यात्रियों विकल्प के तौर पर प्लेटफार्म नं. 1 के सिरे से होकर पिटलाइन का
चक्कर प्लेटफार्म नं. 4 पर जाना होगा। पैदल यात्री पुल
(एफओबी) की मीटर गेज के प्लेटफार्म
नं. 4 पर जाने वाले मार्ग का खम्भा (पिलर) नई पिट लाइन के मार्ग में अवरोधक
होने के कारण इसे हटाया जाना आवश्यक है। यद्यपि इस व्यवस्था से यात्रियों
को थोड़ी असुविधा होगी लेकिन अतिरिक्त पिट लाइन के
निर्माण के फलस्वरूप उदयपुर सिटी स्टेशन को विभिन्न शहरों हेतु
अतिरिक्त रेलगाडियां मिलने की संभावना भी बढ़
जा
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