ट्रेनमें सफर करने वाले हजारों यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। नए साल में वे सिर्फ दो घंटे में दिल्ली पहुंच सकेंगे। इसके अलावा उन्हें जींद दिल्ली के बीच आवागमन के लिए और अधिक गाड़ियों की सुविधा भी मुहैया होगी। क्योंकि दिल्ली से जींद तक के रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण कार्य अब पूरा हो गया है।
नए साल में जनवरी से जींद दिल्ली के बीच इलेक्ट्रिक ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। इसके लिए बस अब सीएसआरसी (चीफ सेफ्टी रेलवे कमिश्नर) की मंजूरी मिलना बाकी है। पहले दिसंबर में सीएसआरसी को रेलवे ट्रैक के हुए विद्युतीकरण कार्य के निरीक्षण के लिए आना था लेकिन अब वे जनवरी में ही ट्रैक का निरीक्षण करने के लिए आएंगे। निरीक्षण में यदि सब कुछ सही पाया गया...
more... तो फिर उनकी मंजूरी के बाद ट्रायल के तौर पर एक-दो दिन इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाई जाएंगी। उसके बाद रूटीन में जींद दिल्ली के बीच इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलने लगेंगी। इसी तरह से दिल्ली-बठिंडा तक के बीच भी इसी साल इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलने लगेंगी। जींद से बठिंडा रेलवे स्टेशन से 30 किलोमीटर आगे लहरगग्गा मोहब्बतपुर रेलवे स्टेशन तक चल रहा रेलवे ट्रैक विद्युतीकरण कार्य भी 31 मार्च 2017 तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद दिल्ली-बठिंडा के बीच बिना किसी व्यवधान के सभी इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलने लगेंगी।
^दिल्ली से जींद तक के रेलवे ट्रैक विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है। जल्द ही सीएसआरसी के निरीक्षण के लिए तारीख निर्धारित होगी। ट्रायल के बाद जनवरी में लोग इलेक्ट्रिक ट्रेन में सफर कर सकेंगे।' -सुधीर हुड्डा, चीफ ऑफिसर सुपरिंटेंडेंट, विद्युतीकरण नॉर्दर्न रेलवे रोहतक।
^जींद-दिल्ली के बीच इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलने का उन्हें काफी दिनों से इंतजार है। इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने का जिले के हजारों लोगों को हर रोज फायदा होगा। जींद से काफी संख्या में दुकानदार, व्यापारी नौकरी करने वाले लोग हर रोज दिल्ली, रोहतक आते जाते हैं।' -काकूराम,दैनिक रेलयात्री।
^जींद-दिल्ली ट्रैक के विद्युतीकरण होने से सबसे बड़ा फायदा ये है कि गाड़ियों की संख्या में इजाफा हो जाएगा। काफी संख्या में लोग हर रोज जींद से दिल्ली, रोहतक आ-जा सकते हैं। उनके लिए ट्रेनों के विकल्प बढ़ जाएंगे।' -अनिल यादव, स्टेशन अधीक्षक, जींद जंक्शन
^जींद से दिल्ली और इसके बाद दिल्ली से बठिंडा के बीच इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलने से आना-जाना और सुगम हो जाएगा। दैनिक यात्रियों को इससे काफी फायदा होगा और इससे समय की बचत होगी। नए साल में ये उनके लिए अच्छी खबर है।' -डाॅ.शिवम गांधी, दैनिक रेलयात्री।
इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलने से लोग रेलगाड़ी में प्रदूषण मुक्त यात्रा का आनंद उठा सकेंगे। फिलहाल दिल्ली-बठिंडा रेलवे ट्रैक पर डीजल इंजन वाली गाड़ियां चल रही हैं। इस दौरान कई गाड़ियों के इंजन काफी अधिक मात्रा में धुआं निकालते हैं। जिसके कारण यात्रियों को खिड़कियां बंद तक करनी पड़ती है।
दिल्ली-जींद रेलवे ट्रैक के विद्युतीकरण होने इसके बाद दिल्ली-बठिंडा तक का विद्युतीकरण होने से इस रेलवे रूट पर ट्रेनों की संख्या बढ़ जाएगी। दिल्ली, रोहतक, जाखल बठिंडा आदि शहरों में जाने के लिए यात्रियों को ट्रेनों के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। ज्यादा गाड़ियों के चलने से रेलवे यात्रियों की संख्या में इजाफा हो जाएगा और इससे रेलवे को फायदा होगा। फिलहाल दिल्ली-बठिंडा रेलवे ट्रैक पर दिन-रात में कुल 90 गाड़ियां चलती हैं। इसमें पैसेंजर एक्सप्रेस गाड़ियों की संख्या 60 है।
इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने के बाद यात्री दिल्ली तक का 127 किलोमीटर का सफर दो घंटे या इससे कम समय में तय कर सकेंगे। इसी तरह से हर रोज जींद से रोहतक जाने वाले सैकड़ों यात्री भी एक घंटे या उससे कम समय में आवागमन कर सकेंगे। फिलहाल जींद से दिल्ली एक्सप्रेस ट्रेन में ढाई घंटे में और पैसेंजर ट्रेन में करीब तीन घंटे में तय होता है। इसी तरह रोहतक जाने में भी एक घंटे से ज्यादा समय लगता है। इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलने से यात्रियों के समय में बचत होगी।
{दिल्ली से रोहतक तक के रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण तीन साल पहले ही पूरा हो चुका है।
{रोहतक से बठिंडा तक के करीब 250 किलोमीटर तक के रेलवे ट्रैक के विद्युतीकरण प्रोजेक्ट को रेलवे ने 2014 में मंजूरी दी।
{वर्ष 2014 के अंत में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ और इसके लिए 350 करोड़ का बजट जारी किया गया।
{ट्रैक पर केबल खींचने का काम 137 करोड़ रुपए में चंडीगढ़ की कंपनी केईसी को सौंपा गया।
{पहले चरण में रोहतक से जींद तक के ट्रैक का विद्युतीकरण कार्य 31 जुलाई 2016 तक पूरा किया जाना था।
{दूसरे चरण में जींद से बठिंडा से 30 किलोमीटर आगे लहरगग्गा मोहब्बतपुर स्टेशन तक के रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण कार्य 31 मार्च 2017 तक पूरा किया जाना है।
जींद. रेलवेजंक्शन के पास रेलवे ट्रैक कर किया गया विद्युतीकरण।