इंदौर। नईदुनिया प्रतिनिधि
बहुप्रतीक्षित इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन के लिए रेलवे नर्मदा समेत तीन नदियों पर बड़े ब्रिज बनाएगा। योजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बना रही विशेष टीम अगले हफ्ते से नदी और उसके आसपास के हिस्सों का सर्वे करेगी। प्रोजेक्ट का भू-सर्वे अंतिम दौर में है और करीब एक महीने में पूरा हो जाएगा। क्षेत्र में तेज गर्मी और हवा-आंधी के कारण सर्वे टीम के कई सदस्य बीमार हो रहे हैं, इसलिए सर्वे फिलहाल धीमी गति से हो रहा है।
जिन नदियों में बड़े ब्रिज बनना हैं, उनमें मालेगांव के पास गिरना नदी,...
more... शिरपुर के पास तापी और मप्र से बहने वाली नर्मदा शामिल हैं। इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन संघर्ष समिति के प्रमुख मनोज मराठे के मुताबिक सर्वे टीम के दीपक पाटिल ने बताया है कि भू-सर्वे के बाद प्रस्तावित रेल लाइन के बीच में से गुजरने वाली तीन बड़ी नदियों पर बनने वाले पुलों की रिपोर्ट बनाई जाएगी। इसमें हर तकनीकी जांच कर ब्रिज का आकार-प्रकार और बनावट आदि की जानकारी दी जाएगी। समिति प्रमुख ने बताया रेलवे के इस प्रोजेक्ट में जहाजरानी मंत्रालय का सहयोग मिल रहा है। परियोजना के लिए रेलवे ने मंत्रालय के साथ रेल-पोर्ट कनेक्टिविटी कॉर्पोरेशन बनाया है। इसमें रेलवे से पोर्ट को जोड़ने के लिए रेलवे और मुंबई स्थित जवाहरलाल नेहरू पार्ट के माध्यम से वित्तीय व्यवस्थाएं की जाएंगी।
जल्द भूमिपूजन की तैयारी
इधर, सर्वे पूरा होते ही रेलवे और जहाजरानी मंत्रालय जल्द ही रेल लाइन का काम पूरा करना चाहते हैं। जुलाई के बाद इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन के लिए कभी भी भूमिपूजन हो जाएगा। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाने की कोशिश भी हो रही है। यह कार्यक्रम महाराष्ट्र में आयोजित किया जाएगा। पिछले दिनों नई दिल्ली में हुई प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक में कुछ रेल अधिकारियों ने केंद्रीय सड़क परिवहन और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष चिंता जताई थी कि इंदौर से रेल लाइन को इतना ट्रैफिक नहीं मिलेगा। इस पर गडकरी ने कहा था रेल लाइन डलने से पहले आप ट्रैफिक की गिनती शुरू कर देते हैं। पहले लाइन डलने दीजिए। रेलवे को इंदौर-देवास के अलावा महाराष्ट्र से इतना ट्रैफिक मिलेगा कि आप सोच भी नहीं सकते। रेल लाइन के लिए सरकारी जमीन का अधिग्रहण संबंधित राज्य सरकारें करेंगी जबकि निजी जमीन के अधिग्रहण का मुआवजा रेलवे और जहाजरानी मंत्रालय मिलकर देंगे।