जळगाव वाले केस में CCTV फुटेज में TC पूर्णतः निर्दोष पाया गया । TC का काम ही कोच में अनाधिकृत प्रवेश रोकना है और यदि वे ऐसा करते हैं तो उन पर इस तरह के आरोप लगाकर रेलवे से ज्यादा से हर्जाना वसूलने का प्रयास किया जाता है । टीसी अगर इन्हें कुछ ना कहे तो जिन लोगो का रिजर्वेशन है वो ही उसकी शिकायत कर देते हैं । या फिर विजिलेंस/सीबीआई वाले केस बनाकर अपना उल्लू सीधा करते हैं । टीसी कभी किसी को धक्का नहीं देते बल्कि अगले स्टेशन पर कोच बदलने की सलाह देते हैं । ये सब पीड़ित पक्ष को सिखाया जाता है ताकि उन्हें सही मुआवजा मिल सके । भारतीय रेल के इतिहास में आज तक ऐसे आरोप 99 % झूठे ही पाये गए हैं