उफ्फ! इस ट्रेन ने तो सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए , 10 घंटे की यात्रा 12 घंटे में और वापसी में 12 घंटे की यात्रा 15 घंटे में। अगर जबलपुर दुर्ग स्पेशल ट्रेन ऐसे ही चलती रही ,तो रिस्पॉन्स कैसे आएगा ,लोग prefer करेंगे ही नही, लोग नर्मदा एक्सप्रेस और अमरकंटक एक्सप्रेस में ही जायेंगे , इसमें जायेंगे तो हालत खराब हो जाएगी। जब SECR normal ट्रेनों को ही ठीक से नही चला पा रहा है तो स्पेशल ट्रेनें तो भूल ही जाओ ,वैसे भी भारतीय रेलवे में स्पेशल ट्रेनों को कोई प्रायोरिटी नही मिलती। Response अच्छा नही आएगी , बंद हो जाएगी। और इसकी रैक शेयरिंग जबलपुर मदुरै स्पेशल ट्रेन के साथ है।