अब किसे दोष दे ?......भुगतना तो जनता को है ..ये काम कोई व्यापारी के लिए नहीं हो रहा है देश के लिए हो रहा ....राज्य शासन और केंद के कर्मचारी एक मीटिंग कर के प्रॉब्लम को ख़त्म किया जा सकता है किंतु सभी नियमो की आद ले कर देश का नुकसान कर रहे है .......हे "प्रभु" अब तू हि मालिक