यात्रियों का आरोप है कि वह सुबह 6 बजे सूरत से ट्रेन
में सवार हुए थे। सूरत-पटना प्रीमियम ट्रेन होने के
कारण उसमें खाना, पानी, चाय-नाश्ते की मुफ्त
सुविधा थी। जिसके चलते ट्रेन का किराया दोगुना था। यह
सुविधा...
more... होने के कारण किसी ने अपने साथ खाने पीने के
लिए कोई सामान नहीं रखा था। सुबह 8 बजे सभी को एक
पानी की बॉटल दी गई और फिर 10 बजे नाश्ते में आटे
का हलुआ और चाय दी थी। हलुआ खाने योग्य नहीं था,
जिसे किसी ने नहीं खाया। जब खाने की बारी आई,
तो दो रोटी, एक कटोरी चावल और दाल दी गई। खाना खाते
वक्त पता चला कि चावल सड़ गया है। जिसकी शिकायत
पेंट्रीकार कर्मचारियों से की गई। तो उन्होंने चावल
की बदबू को बासमती राइस की खुशबू बताना शुरू कर दिया।
लेकिन बदबू अधिक आने के कारण किसी ने
खाना नहीं खाया।
रात लगभग 8 बजे जब ट्रेन में बैठे बच्चे, वृद्ध व
महिलाएं भूख प्यास से हलाकान हो गए, तो कुछ लोग
पेंट्रीकार कर्मचारियों के पास पहुंचे और उनसे
खाना और पानी की बॉटल देने के लिए कहा लेकिन उन्होंने
नहीं दिया। जिससे यात्री आक्रोशित हो गए और उन्होंने
हंगामा करते हुए पेंट्रीकार में रखा सभी सामान
लूटना शुरू कर दिया।