जींद। साल के अंत तक दिल्ली से जींद के बीच ट्रेनें बिजली से दौडऩे लगेंगी। रेलवे की ओर से इलेक्ट्रिक ट्रेनों के परिचालन के काम को अंतिम रूप दिया जा रहा है। दिसंबर के प्रथम सप्ताह में कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी स्पेशल ट्रेन के जरिये ट्रैक का निरीक्षण कर सकते हैं। सब कुछ ठीक होने के बाद जींद तक इलेक्ट्रिक ट्रेनों के परिचालन के लिए हरी झंडी मिल जाएगी। मौजूदा समय में नरवाना तक ट्रैक के विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है। हालांकि सीआरएस के दौरे के बाद पहले चरण में दिल्ली से जींद तक ही इलेक्ट्रिक ट्रेन का परिचालन होगा।
दूसरे चरण में जींद से भटिंडा तक बिजली से ट्रेनें चलेंगी। बता दें कि रोहतक से बङ्क्षठडा के लहरा मोहब्बत...
more... तक ट्रैक के विद्युतीकरण का काम किया जा रहा है। लगभग 252 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक पर 294 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। दिल्ली-फिरोजपुर मार्ग के विद्युतीकरण का काम कई वर्षो से चल रहा है। 2014 में रोहतक तक रेलवे की तरफ से विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया गया था और 2015 के अंत में केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रोहतक से बङ्क्षठडा के बीच रेलवे लाइन के विद्युतीकरण के काम को शुरू करवाया था।
बढ़ेंगी व्यापारिक संभावनाएं
जिले के तीन मुख्य रेल रूटों के विद्युतीकरण होने के बाद यहां व्यापारिक संभावनाएं बढ़ जाएंगी। दिल्ली और पानीपत पहुंचने में कम समय लगेगा। रेल यातायात बढऩे से यहां औद्योगिक संभावनाएं भी बढ़ सकेंगी और कच्चा माल आसानी से पहुंच पाएगा।
दो अन्य रूट भी सूची में
नरवाना से कुरुक्षेत्र तक रेलवे लाइन का विद्युतीकरण भी किया जाएगा। इस 86 किलोमीटर लंबे रेल रूट के विद्युतीकरण पर 39.62 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसी प्रकार जींद-पानीपत रेलवे लाइन को भी विद्युतीकरण किया जाएगा। इस 70 किलोमीटर लंबे रूट पर 67.12 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी।