इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन के लिए मध्य रेलवे मुंबई को रेल मंत्रालय की स्वीकृति का इंतजार है। इसके बाद भूमिपूजन होगा, जबकि इसकी सैद्धांतिक मंजूरी पहले ही मिल चुकी थी। जानकारी के अनुसार रेल लाइन पर 10 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस परियोजना के लिए जहाजरानी मंत्रालय व रेलवे मंत्रालय आधी-आधी राशि देंगे। इसको लेकर गुरुवार को रेलवे बोर्ड दिल्ली ने मनमाड़-इंदौर रेल लाइन संघर्ष समिति प्रमुख मनोज मराठे को पत्र जारी कर सूचना दी है। उन्होंने बताया साढ़े तीन से चार माह के भीतर भूमिपूजन का कार्य होना है। महाराष्ट्र में 192 किमी व मप्र में 147 किमी रेल लाइन का निर्माण होगा। उन्होंने बताया हालही में परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने 4 माह के भीतर महाराष्ट्र व मप्र के बीच भूमिपूजन कराने की घोषणा की थी।
इन...
more... क्षेत्रों से गुजरेगी लाइन
रेल लाइन का सर्वे कार्य पुणे की मेसर्स हाइड्रोपनियम सिस्टम कंपनी ने कराया था। जिले का पहला स्टेशन मालवन गांव में बनेगा। इसके बाद सेंधवा, ओझर, जुलवानिया, लिंगवा, खजूरी, कुंदमाल, ठीकरी, निमरानी, धामनोद, महू से इंदौर तक रेल लाइन डलेगी। इस परियोजना के लिए पहली किस्त के रूप में ढाई हजार करोड़ रुपए जारी हो गए हैं।
367 किमी लंबी रेल लाइन डलेगीमनमाड़ से इंदौर तक।
06 जिलों से होकर गुजरेगी रेल लाइन।
10 हजार करोड़ रुपए का है प्रोजेक्ट।
04 चरणों में होगा काम पूरा।
2.5 हजार करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी।
04 लाख 5 हजार 184 हैक्टेयर बंजर जमीन जाएगी।
81किमी रहेगी जिले में रेल लाइन।
08स्थानों पर बनेंगे रेलवे स्टेशन।
29479हेक्टेयर जमीन होगी का होगा उपयोग।
02नगरों में बनेंगे रेलवे स्टेशन।
जुलवानिया में बनेगा स्टेशन
मराठे ने बताया जुलवानिया में फोरलेन से राजपुर रोड पर डेढ़ किमी दूर स्टेशन बनेगा। इसी तरह सेंधवा में नारायणदास अस्पताल के सामने फोरलेन के आसपास स्टेशन का निर्माण होगा। जबकि पूर्व में सेंधवा में 7 किमी दूर ग्राम बोरली में स्टेशन का निर्माण होना था। सर्वे भी हो गया था। लेकिन संघर्ष समिति ने अधिक दूरी की शिकायत की थी।
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