राउरकेला : कहावत है कि समय अनमोल होता है। लेकिन लगता है कि भारतीय रेलवे इससे इतफाक नहीं रखती। तभी तो जुलाई महीने से दो ट्रेनों को पुराने मार्ग पर फिर से बहाल करने से तकरीबन सौ किलोमीटर की दूरी कम होने के बाद भी सफर के समय में कोई खास कटौती नहीं हुई है। हालांकि यात्रियों को किराया कम लगने से इसका लाभ जरूर मिलेगा, लेकिन दूरी कम होने के बाद भी यह दोनों ट्रेनें तकरीबन पहले जितना ही समय लेंगी और इससे यात्रियों के समय में कोई बचत नहीं होगी।
विदित हो कि आगामी जुलाई महीने से बिहार से दक्षिण भारत को जोड़नेवाली दो ट्रेनें सिकंदराबाद-दरभंगा- सिकंदराबाद एक्सप्रेस एवं हैदराबाद- रक्सौल- हैदराबाद एक्सप्रेस का परिचालन अपने पुराने मार्ग...
more... बरौनी- झाझा- जसीडीही- चितरंजन- धनबाद- बोकारो स्टील सिटी- रांची होते हुए किया जा रहा है। जबकि इससे पूर्व इन दोनों ट्रेनों को परिचालन कारणों से बरौनी- जमालपुर-किउल-गया-कोडरमा- गोमो- चंद्रपुरा-बोकारो स्टील सिटी से होकर किया गया था। वर्तमान चलने वाले मार्ग पर सिकंदरा-दरभंगा- सिकंदराबाद ट्रेन 31 स्टापेज के साथ 2017 किलोमीटर की दूरी 39 घंटे 45 मिनट में तय करती है। जबकि जुलाई महीने से बदले मार्ग पर चलने के बाद 24 स्टापेज के साथ इसकी दूरी करीब सौ किलोमीटर कम होकर 1922 किलोमीटर हो जाएगी तथा यह दूरी पहले के समय से महज 35 मिनट कम 39.10 मिनट में तय होगी। हालांकि समय में कोई ज्यादा कटौती न होने के बाद भी यात्रियों को कम किराया देने का लाभ मिलेगा, जिसमें सिकंदराबाद से दरभंगा तक का किराया स्लीपर में 910 से कम होकर 695, एसी थ्री टीयर में 2315 से कम होकर 1870 रुपये तथा एसी-टू टीयर में किराया 3255 रुपये से कम होकर 2755 रुपये हो जाएगा। उसी प्रकार वतर्मान मार्ग पर चलने वाली हैदराबाद-रक्सौल-हैदराबाद 37 स्टोपेज के साथ 2271 किलोमीटर की दूरी 44 घंटे में तय करती है। जबकि जुलाई से बदले मार्ग पर चलने के बाद 30 स्टापेज के साथ इसकी दूरी करीब सौ किलोमीटर कम होकर 2174 किलोमीटर होने के बाद यह दूरी यह ट्रेन महज 15 मिनट कम समय 43.45 घंटे में तय करेगी। हालांकि इस ट्रेन में भी यात्रियों को किराया में कटौती का लाभ मिलेगा। जिसमें स्लीपर में हैदराबाद से रक्सौल का स्लीपर में किराया 950 रुपये से घटकर 745 रुपये, थर्ड एसी में 2410 रुपये से घटकर 1990 रुपये तथा सेकेंड एसी में 3455 रुपये से घटकर 2940 रुपये हो जाएगा। लेकिन करीब 100 किलोमीटर की दूरी कम होने के बाद भी सफर के समय में कोई खास कटौती न होने से इन दोनों ट्रेनों में यात्रा का समय भी तकरीबन पहले जितना ही लगेगा।