जबलपुर। रेलवे ने यात्रियों की सुविधा में नए-नए सुधार करना शुरू कर दिए हैं। अभी तक ट्रेन के एसी और स्लीपर कोच के यात्री को ही आरक्षित सीट की सुविधा थी, लेकिन अब जनरल कोच में सफर करने वाले यात्रियों को भी आरक्षित सीट देने की तैयारी शुरू हो गई है। रेलवे बोर्ड देशभर के सभी रेल मंडल से गुजरने वाली ट्रेनों के जनरल कोच के यात्रियों को जनरल टिकट बेस बोर्डिंग पास देगा, जिसे टीटीई या आरपीएफ को दिखाकर सीट आरक्षित करवा सकेंगे। दरअसल, अभी ऐसा नहीं होता था। जनरल कोच में पहले आओ-पहले पाओ का नियम चलता है, जो कोच में पहले सवार होता है, वह सीट पर अपना कब्जा कर लेता है और जो आखिरी में आता है, उसे या तो कोच के गेट या बाथरूम के पास बैठकर सफर करना होता है।ट्वीट से दे रहे यात्रियों को जानकारीरेलवे अब जनरल कोच के यात्री को आरक्षित टिकट देगा।...
more... इसके लिए यात्री को टिकट काउंटर पर अपना परिचय पत्र दिखाना होगा, जिसके बाद काउंटर पर ही उसकी फोटो ली जाएगी। यात्री द्वारा दिए गए वाट्सएप नंबर पर फोटो सहित बोर्डिंग पास भेज दिया जाएगा, जिसमें संबंधित ट्रेन के जनरल कोच की सीट का नंबर होगा। यात्री इस नंबर को ट्रेन के टीटीई या वहां मौजूद आरपीएफ स्टाफ को बताएगा, जिसके बाद संबंधित यात्री को जनरल कोच की सीट आरक्षित कर दी जाएगी।पूरब नाम से चलेगी योजनाहाल ही में रेलवे बोर्ड ने दानापुर रेल मंडल में पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह योजना की शुरुआत की। इसका नाम पूरब दिया गया, यानी पास फॉर अनरिजर्वड बोर्ड। इसमें जनरल कोच में अनारक्षित यात्री को सीट आरक्षित की जा रही है। इस योजना के बेहतर परिणाम सामने आने के बाद अब इसे जबलपुर मंडल समेत देशभर में लागू किया जा रहा है। रेलवे बोर्ड ने ट्वीट के जरिए इस योजना का प्रचार-प्रसार भी शुरू कर दिया है, ताकि जनरल कोच के यात्री इसका फायदा ले सकें।जबलपुर के लिए इसलिए जरूरीदरअसल, जबलपुर रेलवे स्टेशन से उप्र-बिहार से महाराष्ट्र और दक्षिण भारत को जोड़ने वाली मुख्य रेल लाइन गुजरती है। इस ट्रैक से रोजाना 100 से ज्यादा ट्रेनें निकलती हैं, जिसमें हजारों लोग उप्र-बिहार से काम की तलाश से दक्षिण भारत की ओर जाते हैं। जनरल कोचों की हालत देखकर न तो इनमें कभी आरपीएफ का जवान प्रवेश करता है और न ही टीटीई, लेकिन अब रेलवे की पूरब योजना इस समस्या का सबसे बड़ा समाधान होने जा रहा है।Posted By: Prashant Pandey #General coach passenger#boarding pass for General coach#Reservation in General coach#Indian Railway News#Railway ticket booking#Railway Reservation#Jabalpur Hindi News#Madhya Pradesh Hindi News#जनरल कोच का बोर्डिंग पास#रेलवे रिजर्वेशन#रेलवे टिकट बुकिंग#जबलपुर समाचार#मध्य प्रदेश समाचार
जबलपुर। रेलवे ने यात्रियों की सुविधा में नए-नए सुधार करना शुरू कर दिए हैं। अभी तक ट्रेन के एसी और स्लीपर कोच के यात्री को ही आरक्षित सीट की सुविधा थी, लेकिन अब जनरल कोच में सफर करने वाले यात्रियों को भी आरक्षित सीट देने की तैयारी शुरू हो गई है। रेलवे बोर्ड देशभर के सभी रेल मंडल से गुजरने वाली ट्रेनों के जनरल कोच के यात्रियों को जनरल टिकट बेस बोर्डिंग पास देगा, जिसे टीटीई या आरपीएफ को दिखाकर सीट आरक्षित करवा सकेंगे। दरअसल, अभी ऐसा नहीं होता था। जनरल कोच में पहले आओ-पहले पाओ का नियम चलता है, जो कोच में पहले सवार होता है, वह सीट पर अपना कब्जा कर लेता है और जो आखिरी में आता है, उसे या तो कोच के गेट या बाथरूम के पास बैठकर सफर करना होता है।
ट्वीट से दे रहे यात्रियों को जानकारी
रेलवे अब जनरल कोच के यात्री को आरक्षित टिकट देगा। इसके लिए यात्री को टिकट काउंटर पर अपना परिचय पत्र दिखाना होगा, जिसके बाद काउंटर पर ही उसकी फोटो ली जाएगी। यात्री द्वारा दिए गए वाट्सएप नंबर पर फोटो सहित बोर्डिंग पास भेज दिया जाएगा, जिसमें संबंधित ट्रेन के जनरल कोच की सीट का नंबर होगा। यात्री इस नंबर को ट्रेन के टीटीई या वहां मौजूद आरपीएफ स्टाफ को बताएगा, जिसके बाद संबंधित यात्री को जनरल कोच की सीट आरक्षित कर दी जाएगी।
पूरब नाम से चलेगी योजना
हाल ही में रेलवे बोर्ड ने दानापुर रेल मंडल में पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह योजना की शुरुआत की। इसका नाम पूरब दिया गया, यानी पास फॉर अनरिजर्वड बोर्ड। इसमें जनरल कोच में अनारक्षित यात्री को सीट आरक्षित की जा रही है। इस योजना के बेहतर परिणाम सामने आने के बाद अब इसे जबलपुर मंडल समेत देशभर में लागू किया जा रहा है। रेलवे बोर्ड ने ट्वीट के जरिए इस योजना का प्रचार-प्रसार भी शुरू कर दिया है, ताकि जनरल कोच के यात्री इसका फायदा ले सकें।
जबलपुर के लिए इसलिए जरूरी
दरअसल, जबलपुर रेलवे स्टेशन से उप्र-बिहार से महाराष्ट्र और दक्षिण भारत को जोड़ने वाली मुख्य रेल लाइन गुजरती है। इस ट्रैक से रोजाना 100 से ज्यादा ट्रेनें निकलती हैं, जिसमें हजारों लोग उप्र-बिहार से काम की तलाश से दक्षिण भारत की ओर जाते हैं। जनरल कोचों की हालत देखकर न तो इनमें कभी आरपीएफ का जवान प्रवेश करता है और न ही टीटीई, लेकिन अब रेलवे की पूरब योजना इस समस्या का सबसे बड़ा समाधान होने जा रहा है।