कोटा रेल समाचार
#कोटा_रेल_न्यूज़
जूनाखेड़ा- अकलेरा के बीच आमेठा रेल्वे स्टेशन भूली रेलवे, नहीं रुक रही ट्रेन, वेबसाइट से भी गायब
...
more...
कोटा। रामगंजमंडी-भोपाल रेल परियोजना स्थित जूनाखेड़ा- अकलेरा के बीच रेलवे स्टेशन 'आमेठा' को भूलने का मामला सामने आया है। इसके चलते नए बने इन स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव भी नहीं हो रहा है। खास बात यह है कि रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट 'नेशनल ट्रेन इंक्वारी सिस्टम' पर भी यह स्टेशन नजर नहीं आ रहा हैं। वेबसाइट पर जिक्र नहीं होने से लोगों को इन स्टेशनों के कोड का भी पता नहीं है। स्टेशन का जिक्र नहीं होने से 12 मार्च को अकलेरा तक विस्तारित कोटा-झालावाड और कोटा-जूनाखेड़ा ट्रेन का ठहराव भी इस स्टेशन पर नहीं हो रहा है। जबकि यह पैसेंजर ट्रेन है और बाकी के सभी स्टेशनों पर रुक रही है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते यहां पर ट्रेनों का ठहराव नहीं हुआ तो पूरे मामले से रेलमंत्री को अवगत कराया
जाएगा।
ठगा महसूस कर रहे ग्रामीण ट्रेन नहीं रुकने से इन स्टेशन के आसपास रहने वाले गांव वासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गांव वालों ने बताया कि वर्षों से वह ट्रेन में बैठना का सपना देख रहे थे। स्टेशन बन रहा था तो लग रहा था कि अब जल्द ही उनका सपना पूरा होने वाला है। स्टेशन बन कर तैयार हो गया, दो ट्रेनों का संचालन भी शुरु हो गया। लेकिन यहां के ग्रामिणों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। इसके चलते यहां ग्रामीण अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। लूप लाइन नहीं
ग्रामीणों ने बताया कि इन दोनों स्टेशनों पर अभी लूप लाइन नहीं बनी है। संभवतः यही कारण है कि यहां पर ट्रेनों का ठहराव नहीं हो रहा है। लेकिन यह रेलवे का मामला है। रेलवे को ही इस समस्या का समाधान करना है। इसमें वर्षों से रुकने का इंतजार कर रहे ग्रामिणों का क्या दोष। रोजाना यहां से ट्रेनें बिना रुके ग्रामीणों का मुंह चिढ़ाते निकल रही हैं।
जूनाखेड़ा से है 16 किलोमीटर दूर ग्रामीणों ने बताया कि आमेठा स्टेशन जूनाखेड़ा (असनावर) से 16 और अकलेरा से करीब 11 मिलोमीटर दूर है। यह डोंगरगांव के आगे बनी टनल के तुरंत बाद स्थित है। यहां पर आमेठा नाम से एक गांव भी है। इसी गांव के नाम से इस स्टेशन को यह नाम मिला है। यह गांव राष्ट्रीय राजमार्ग-52 पर स्थित है। N.H 52 से करीब डेढ़ 300 मीटर दूर स्टेशन है।