राजधानी एक्सप्रेस की तर्ज पर देश के सबसे व्यस्तम दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर एलएचबी रेक वाली सभी ट्रेनें अब एक के पीछे एक चलेंगी। इन ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने एवं लेटलतीफी कम करने के लिए ही रेलवे ने इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया है। साथ ही लॉकडाउन खत्म होने के बाद संभावित रेल संचालन को देखते हुए रेलवे इस रूट के एलएचबी रेक वाली सभी ट्रेनों की समय सारिणी का नए सिरे से निर्धारण कर रहा है।विज्ञापनदिल्ली-हावड़ा रूट पर राजधानी श्रेणी की ट्रेनों की लेटलतीफी अन्य ट्रेनों के मुकाबले काफी कम रहती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस रूट के महत्वपूर्ण गाजियाबाद-टूंडला-कानपुर-प्रयागराज रेलखंड पर दिल्ली से चलने वाली सभी राजधानी एक्सप्रेस को एक स्लॉट दे रखा गया है। इस वजह से इनके समय में 10 से 15 मिनट का ही अंतर है। एक के पीछे एक राजधानी एक्सप्रेस चलने की वजह से उनकी औसत स्पीड बेहतर रहती है। इसी तर्ज पर...
more... अब रेलवे प्रशासन ने इस रूट पर चलनेवाली ऐसी ट्रेनें जो एलएचबी रेक से लैस है उनके लिए भी स्लाट देने की तैयारी की है। क्योंकि एलएचबी रेक वाली ट्रेनें इस रूट पर 130 से 160 की रफ्तार से भी चलाई जा सकती है। यह तभी संभव होगा, जब एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) रेक से लैस ट्रेनें भी एक के पीछे एक चले। इसी वजह से रेलवे प्रशासन ने खासतौर से रात के वक्त एनसीआर रूट पर चलने वाली प्रयागराज एक्सप्रेस, शिवगंगा एक्सप्रेस, प्रयागराज-जयपुर, पुरुषोत्तम एक्सप्रेस, रीवा एक्सप्रेस, ब्रह्मपुत्र मेल, मंडुवाडीह-नई दिल्ली, पूर्वा एक्सप्रेस, प्रयागराज- नई दिल्ली हमसफर, महाबोधि एक्सप्रेस, श्रमशक्ति एक्सप्रेस को एक ही स्लॉट में चलाने की तैयारी की है। बोर्ड की मंजूरी के बाद जब भी रेल संचालन शुरू होगा, तब यह ट्रेनें एक निर्धारित स्लॉट पर ही संचालित होंगी। इस दौरान इनकी औसत स्पीड में तो इजाफा होगा ही, साथ ही यह अपने गंतव्य तक पहले के मुकाबले कम समय भी लेंगी।