जबलपुर से दक्षिण प्रांत को जोड़ने वाली जबलपुर-गोदिंया ब्राडगेज परियोजना का काम पूरा होते ही इटारसी स्टेशन की झोली से पांच कमाऊ ट्रेनें छिन जाएंगी। संभावना है कि लॉकडाउन पूरी तरह खत्म होते ही रेलवे नई रेलवे लाइन से पांच ट्रेनों को शुरूआती दौर में नए मार्ग से चलाएगा। इनमें दो जोड़ी चार नियमित ट्रेनें एवं तीन साप्ताहिक ट्रेनें शामिल हैं।
इन ट्रेनों के रूट बदलने से जहां इटारसी स्टेशन पर ट्रेनों की संख्या घटेगी, वहीं इनसे मिलने वाला यात्री भाड़ा, माल भाड़ा और कैटरिंग कारोबार भी प्रभावित होगा। बड़ा नुकसान मौजूदा रूट के यात्रियों को होगा, जिन्हें अब इन ट्रेनों की सुविधा नहीं मिलेगी।
जल्दी...
more... पूरा होगा कामः रेल सूत्रों के अनुसार समनापुर से लामता के बीच रेलवे ट्रेक बिछाने का काम पूरा हो गया है। 28 किमी. की दूरी में डाले गए नए रेलपथ का जल्द चीफ सेफ्टी कमिश्नर(रेलवे) दौरा कर एनओसी देंगे, इसके साथ ही रूटीन ट्रेनों के परिचालन हेतु 12 अगस्त तक लगाई रोक के बाद जबलपुर से इटारसी होकर दक्षिण जाने वाली पांच ट्रेनों को नए रेल मार्ग से संचालित किया जाएगा।
इन ट्रेनों का रूट बदलेगाः अधिकारियों के अनुसार प्रारंभिक रूप से इटारसी होकर साउथ जाने वाली गंगा कावेरी, पटना-बैंगलुरू, संघमित्रा एक्स, एर्नाकुर्लम-पटना एक्स, दानापुर-सिकंदराबाद एक्स. एवं बागमती एक्सप्रेस गोदिंया होकर चलाई जा सकती हैं। ये सारी ट्रेनें अभी व्हाया इटारसी-नागपुर होकर दक्षिण भारत जाती हैं। संभावना है कि सितंबर माह से रेलवे अधिकांश ट्रेनों को सामान्य रूप से शुरू कर सकता है।
उधर फायदा इधर घाटाः
जबलपुर-गोदिंया रेलवे ट्रेक शुरू होने से जबलपुर से दक्षिण भारत की दूरी करीब 260 किमी. कम हो जाएगी। दूरी कम होने से यात्रियों का समय बचेगा, साथ ही किराया भी कम होगा। रेलवे से दक्षिण प्रांत को बुक होने वाले माल भाड़े की दरें भी कम होगीं।
इसका उल्टा असर इटारसी, बैतूल, नरसिंहपुर, आमला, पिपरिया समेत उन स्टेशनों पर होगा, जहां इन ट्रेनों का स्टॉपेज है। पार्सल, टिकट बुकिंग, खानपान की आय घटेगी, साथ ही इन स्टेशनों से नागपुर होकर दक्षिण यात्रा करने वाले यात्रियों से भी पांच ट्रेनों की सुविधा छिन जाएगी, आशंका है कि इलाहाबाद से इटारसी होकर दक्षिण जाने वाली अन्य ट्रेनें भी भविष्य में नए रूट से चलाई जाएंगी।
सीधै तौर पर इससे इटारसी स्टेशन का रूतबा रेलवे के नक्शे पर छंटेगा। खानपान कारोबारियों का कहना है कि वैसे भी अब दक्षिण रूट की ट्रेनें यहां नहीं बची हैं। इस मामले में पमरे की मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि प्रस्तावित योजना पूरी होते ही नए ट्रेक को शुरू किया जाएगा।