मुरादाबाद (जेएनएन)। जो मालगाड़ी कभी रुक-रुककर चलती थीं, वही अब सुपर फास्ट की गति से दौडऩे लगी हैं, जबकि सुपर फास्ट ट्रेनें कछुआ गति से चल रही हैैं। यानी मालगाडिय़ों ने यात्री ट्रेनों की रफ्तार रोक दी है। इसकी वजह रेल प्रशासन भले ही लाइन की मरम्मत होना बताता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि मालगाड़ी कारोबारियों के इशारे पर चल रही हैं। इसे अधिकारियों ने खुद स्वीकार किया है। आलम यह है कि कारोबारियों का माल लेकर मालगाड़ी लखनऊ से मुरादाबाद साढ़े चार घंटे में पहुंच जाती है जबकि, सुपर फास्ट ट्रेनें आठ घंटे में पहुंच रही हैं। ट्रेनें लेट होने से जहां एक ओर यात्री परेशान हो रहे हैं, वहीं भीषण गर्मी के चलते एकाध की जान भी चली गई है। कुछ उदाहरण भी वैसे तो इसके कई उदाहरण मिल जाएंगे, लेकिन ताजा वाकया बीते मंगलवार का है। पंजाब की ओर जाने वाली दो मालगाड़ी में बड़ी कंपनी का...
more... स्टील लदा था। मालगाड़ी को चलाने के लिए राप्ती गंगा एक्सप्रेस को कटघर स्टेशन पर रोक दिया गया जबकि, उसमें गंभीर रूप से बीमार यात्री के इलाज के लिए चिकित्सक मुरादाबाद स्टेशन पर ट्रेन आने का इंतजार कर रहे थे। इसके बाद भी ट्रेन को एक घंटे तक रोके रखा गया और दो मालगाड़ी व एक पैसेंजर को पास कर दिया गया। इसके चलते बीमार बुजुर्ग महिला को इलाज नहीं मिला और उसकी मौत हो गई, जबकि यही राप्ती गंगा एक्सप्रेस सोमवार को मुजफ्फरपुर से निर्धारित समय दोपहर दो बजे चली। गोरखपुर रात 8.55 बजे के स्थान पर 9.45 बजे पहुंचकर चल दी। इस ट्रेन को रात तीन बजे लखनऊ पहुंच जाना चाहिए था लेकिन, मंगलवार सुबह आठ बजे पहुंची। यानी ट्रेन को लखनऊ पहुंचने में निर्धारित पांच घंटे के बजाय 10 घंटे लगे। इसका कारण ट्रेन को बीच-बीच में रोककर 10 मालगाड़ी को निकालना रहा। उत्तर प्रदेश पुलिस में 45000 कांस्टेबलों की भर्ती होगी : डीजीपी यह भी पढ़ें यात्री ट्रेनें की जा रहीं लेट बड़ी कंपनियों का माल लेकर सुलतानपुर, प्रतापगढ़, फैजाबाद, कानपुर मार्ग होकर मालगाड़ी लखनऊ पहुंच जाती हैं। वहां से इन मालगाडिय़ों को एक मार्ग मुरादाबाद होकर रुद्रपुर, बरेली, गाजियाबाद, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश की फैक्ट्री तक कच्चा माल लेकर भेजा जाता है। इसी मार्ग से ताप विद्युत उत्पादन इकाई के लिए कोयला लेकर मालगाड़ी जाती हैं। इससे ट्रैक पर भीड़ हो जा रही है। यही हाल लखनऊ-कानपुर रूट का है। यहां अधिसंख्य गाड़ियां घंटों के हिसाब से लेट रहती हैं। तीन बेटियां पैदा होने पर किया प्रताड़ित और कह दिया तलाक तलाक तलाक यह भी पढ़ें आय बढ़ाने के लिए कंपनियों से करार रेलवे ने आय बढ़ाने के लिए व्यापारियों और बड़ी कंपनियों से करार किया है। कम से कम समय में मालगाड़ी को गंतव्य तक पहुंचाने का ठेका लिया है। करार के पहले जहां मुरादाबाद मंडल में प्रतिदिन 20 से 30 मालगाड़ी चलती थी, अब इनकी संख्या बढ़कर 85 तक पहुंच गई है। मालगाड़ी को कम समय में गंतव्य तक पहुंचने के लिए कंट्रोल रूम में 24 घंटे अधिकारियों को बैठाए रखा गया है। जो बिना रोके मालगाड़ी को चलाते हैं। नंदादेवी एक्सप्रेस से टकराया हाथी, धीमी गति से चलाई गईं ट्रेनें यह भी पढ़ें मालगाडिय़ां प्राथमिकता पर चलाने के आदेश मंडल रेल प्रबंधक, मुरादाबाद अजय कुमार सिंघल ने बताया कि केंद्र सरकार का आदेश है कि बिजली उत्पादन ठप न हो, इसलिए कोयले से लदी मालगाडिय़ों को बिना रोके चलाया जा रहा है। मालगाडिय़ों को प्राथमिकता पर चलाने के आदेश हैं। अब सब्जी बाजार में भी मिलेगा रिजर्वेशन टिकट, एक हजार नए सिस्टम यह भी पढ़ें By Nawal Mishra
मुरादाबाद (जेएनएन)। जो मालगाड़ी कभी रुक-रुककर चलती थीं, वही अब सुपर फास्ट की गति से दौडऩे लगी हैं, जबकि सुपर फास्ट ट्रेनें कछुआ गति से चल रही हैैं। यानी मालगाडिय़ों ने यात्री ट्रेनों की रफ्तार रोक दी है। इसकी वजह रेल प्रशासन भले ही लाइन की मरम्मत होना बताता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि मालगाड़ी कारोबारियों के इशारे पर चल रही हैं। इसे अधिकारियों ने खुद स्वीकार किया है। आलम यह है कि कारोबारियों का माल लेकर मालगाड़ी लखनऊ से मुरादाबाद साढ़े चार घंटे में पहुंच जाती है जबकि, सुपर फास्ट ट्रेनें आठ घंटे में पहुंच रही हैं। ट्रेनें लेट होने से जहां एक ओर यात्री परेशान हो रहे हैं, वहीं भीषण गर्मी के चलते एकाध की जान भी चली गई है।
कुछ उदाहरण भी
वैसे तो इसके कई उदाहरण मिल जाएंगे, लेकिन ताजा वाकया बीते मंगलवार का है। पंजाब की ओर जाने वाली दो मालगाड़ी में बड़ी कंपनी का स्टील लदा था। मालगाड़ी को चलाने के लिए राप्ती गंगा एक्सप्रेस को कटघर स्टेशन पर रोक दिया गया जबकि, उसमें गंभीर रूप से बीमार यात्री के इलाज के लिए चिकित्सक मुरादाबाद स्टेशन पर ट्रेन आने का इंतजार कर रहे थे। इसके बाद भी ट्रेन को एक घंटे तक रोके रखा गया और दो मालगाड़ी व एक पैसेंजर को पास कर दिया गया। इसके चलते बीमार बुजुर्ग महिला को इलाज नहीं मिला और उसकी मौत हो गई, जबकि यही राप्ती गंगा एक्सप्रेस सोमवार को मुजफ्फरपुर से निर्धारित समय दोपहर दो बजे चली। गोरखपुर रात 8.55 बजे के स्थान पर 9.45 बजे पहुंचकर चल दी। इस ट्रेन को रात तीन बजे लखनऊ पहुंच जाना चाहिए था लेकिन, मंगलवार सुबह आठ बजे पहुंची। यानी ट्रेन को लखनऊ पहुंचने में निर्धारित पांच घंटे के बजाय 10 घंटे लगे। इसका कारण ट्रेन को बीच-बीच में रोककर 10 मालगाड़ी को निकालना रहा।
यात्री ट्रेनें की जा रहीं लेट
बड़ी कंपनियों का माल लेकर सुलतानपुर, प्रतापगढ़, फैजाबाद, कानपुर मार्ग होकर मालगाड़ी लखनऊ पहुंच जाती हैं। वहां से इन मालगाडिय़ों को एक मार्ग मुरादाबाद होकर रुद्रपुर, बरेली, गाजियाबाद, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश की फैक्ट्री तक कच्चा माल लेकर भेजा जाता है। इसी मार्ग से ताप विद्युत उत्पादन इकाई के लिए कोयला लेकर मालगाड़ी जाती हैं। इससे ट्रैक पर भीड़ हो जा रही है। यही हाल लखनऊ-कानपुर रूट का है। यहां अधिसंख्य गाड़ियां घंटों के हिसाब से लेट रहती हैं।
आय बढ़ाने के लिए कंपनियों से करार
रेलवे ने आय बढ़ाने के लिए व्यापारियों और बड़ी कंपनियों से करार किया है। कम से कम समय में मालगाड़ी को गंतव्य तक पहुंचाने का ठेका लिया है। करार के पहले जहां मुरादाबाद मंडल में प्रतिदिन 20 से 30 मालगाड़ी चलती थी, अब इनकी संख्या बढ़कर 85 तक पहुंच गई है। मालगाड़ी को कम समय में गंतव्य तक पहुंचने के लिए कंट्रोल रूम में 24 घंटे अधिकारियों को बैठाए रखा गया है। जो बिना रोके मालगाड़ी को चलाते हैं।
मालगाडिय़ां प्राथमिकता पर चलाने के आदेश
मंडल रेल प्रबंधक, मुरादाबाद अजय कुमार सिंघल ने बताया कि केंद्र सरकार का आदेश है कि बिजली उत्पादन ठप न हो, इसलिए कोयले से लदी मालगाडिय़ों को बिना रोके चलाया जा रहा है। मालगाडिय़ों को प्राथमिकता पर चलाने के आदेश हैं।
By Nawal Mishra
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