बिलासपुर। Bilaspur News: सरगुजा की परिवहन व्यवस्था सड़कों पर टिकी हुई है। रेल और यात्री सुविधाओं के मामले में सरगुजा वर्षों से पिछड़ा रहा है। हवाई सेवा भी आरंभ नहीं हो सकी है। कोरोना संकट की वजह से सरगुजा में परिवहन सेवा में वृद्धि की उम्मीदों को पंख नहीं लग सके। सारी आधारभूत सुविधाएं विकसित कर लिए जाने के बावजूद दरिमा हवाई पट्टी से विमान सेवा का सपना इस साल पूरा नहीं हो सका।
नए साल में यहां से हवाई सफर निश्चित रूप से शुरू हो जाएगा क्योंकि डायरेक्टर जनरल आफ सिविल एविएशन की ओर से जिन कमियों को दूर करने का निर्देश दिया गया है उस दिशा में काम तेजी से शुरू कर दिया गया है।
सरगुजा...
more... से दिल्ली तक सीधी रेल सेवा की मांग भी पूरी नहीं हो सकी लेकिन निजी क्षेत्र की बस सेवा देश की राजधानी दिल्ली और कोलकाता तक के लिए शुरू हो चुकी है। सड़क मार्ग से अंबिकापुर से देश के बड़े शहरों के लिए बस सुविधा उपलब्ध हो चुकी है लेकिन रेल सेवाओं में वृद्धि का सपना अब भी अधूरा पड़ा हुआ है।
अंबिकापुर-अनूपपुर रेलखंड पर उदलकछार से मनेंद्रगढ़ तक नई रेल लाइन बिछाने के काम को मंजूरी मिल चुकी है लेकिन यह काम पूरा नहीं हो सका जिस वजह से चिरमिरी तक आने वाली ट्रेनों को अंबिकापुर तक नहीं बढ़ाया जा सका। अंबिकापुर से रेल सुविधा के नाम पर अंबिकापुर से जबलपुर, शहडोल, मनेंद्रगढ़, दुर्ग तथा अनूपपुर तक के लिए अलग-अलग समय में ट्रेन सुविधा उपलब्ध कराई गई है। कोरोना संकट की वजह से सारी परिवहन सेवाएं भी ठप हो गई थीं।
उस दौर में लोगों ने घरों से निकलना बंद कर दिया था। संचार के साधन संपर्क का बड़ा माध्यम बन चुके थे। कोरोना संक्रमण से परिवहन सेवा में बढ़ोतरी नहीं हो सकी। अंबिकापुर से झारसुगुड़ा और अंबिकापुर से रेणुकूट नई रेल लाइन को लेकर लंबे समय से की जा रही मांग पर दिल्ली तक आवाज तो पहुंची लेकिन इसे स्वीकृति नहीं मिल सकी है। बस सेवाओं में इजाफा हुआ है लेकिन रेल और यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी के लिए ठोस पहल का अभाव अभी देखने को मिल रहा है।
साल 2020 ने लोगों को आपदा से बचने का तरीका सिखाया इसलिए परिवहन सेवाओं में वृद्धि नहीं होने के बावजूद लोगों को उम्मीद है कि साल 2021 में आदिवासी बाहुल सरगुजा अंचल से परिवहन सेवाओं का विस्तार होगा। सड़क, रेल के साथ हवाई सेवा का सफर का सपना भी यहां से पूरा होने लगेगा।
वर्तमान समय में अंबिकापुर से प्रदेश की राजधानी रायपुर, न्यायधानी बिलासपुर के अलावा झारखंड की राजधानी रांची, बिहार की राजधानी पटना के अतिरिक्त बनारस, इलाहाबाद तथा मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तरप्रदेश, ओडिशा, बिहार के बड़े शहरों तक के लिए सीधी बस सेवा से अंचल के लोगों को ज्यादा दित नहीं आती।आगे की यात्रा वे उक्त शहरों तक पहुंचकर कर सकते हैं। उम्मीदों के अनुरूप रेल और हवाई सफर का सपना नए साल में पूरा होने की पूरी उम्मीद है।
ट्रेन नहीं तो बस ही सही
अंबिकापुर से देश की राजधानी नई दिल्ली तक सीधी ट्रेन सुविधा की मांग वर्षों से की जा रही है। पूर्व के वर्षों में दिल्ली तक सीधी ट्रेन सेवा नहीं थी लेकिन दो बोगी जाया करती थी जो अनूपपुर से दिल्ली जाने वाली ट्रेन के साथ जुड़ जाया करती थी,यह सेवा भी अब समाप्त हो चुकी है।
दिल्ली तक सीधी ट्रेन सेवा का सपना भले ही पूरा नहीं हुआ है लेकिन बस सेवा आरंभ हो चुकी है। निजी क्षेत्र की एक बस प्रतिदिन अंबिकापुर से दिल्ली के लिए रवाना होती है। दिल्ली के अलावा कोलकाता के लिए भी अंबिकापुर से सीधी बस सेवा से अंचल के लोगों को राहत मिली है।
सारी तैयारियों के बाद भी उड़ान नहीं
अंबिकापुर से लगे दरिमा हवाई पट्टी से उड़ान शुरू होने का सपना भी इस साल पूरा नहीं हो सका। साल के शुरुआती दिनों से ही यह उम्मीद की जा रही थी कि वर्ष 2020 सरगुजा में परिवहन सेवा की नई गाथा लिखेगा, लेकिन अंतिम समय में हवाई पट्टी में विकसित की गई सुविधाओं को पर्याप्त नहीं माना गया और रनवे की लंबाई बढ़ाने सहित दूसरी सुविधाओं में बढ़ोतरी का निर्देश जारी कर दिया गया है। इस कार्य के लिए राशि भी स्वीकृत हो चुकी है।
दरिमा हवाई पट्टी पर विकास व निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। उम्मीद की जा रही है कि अब जब डायरेक्टर जनरल आफ सिविल एविएशन कि टीम निरीक्षण पर आएगी तो किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रहेगी और दरिमा से भी उड़ान को मंजूरी दे दी जाएगी।
ट्रेन सेवा का भी विस्तार नहीं हो सका
अंबिकापुर अनूपपुर रेलखंड में यात्रियों से बेहतर राजस्व के बावजूद ट्रेन सेवा का विस्तार भी नहीं हो सका। अंबिकापुर-दुर्ग ट्रेन को नागपुर तक बढ़ाने की मांग लगातार की जा रही थी। ट्रायल के रूप में इसका संचालन भी किया गया लेकिन अंतिम रूप से इसे मंजूरी नहीं दी गई।
अंबिकापुर से जबलपुर जाने वाली ट्रेन का विस्तार भोपाल तक करने की भी मांग है। यही ट्रेन जबलपुर से नए नाम से भोपाल तक जाती है इसलिए अंबिकापुर से सीधे भोपाल नाम से ट्रेन संचालन का सपना अभी अधूरा है।
चिरमिरी तक आने वाली ट्रेनों का विस्तार नहीं
अंबिकापुर की तुलना में रेल और यात्री सुविधाओं के मामले में चिरमिरी को ज्यादा सुविधाजनक माना जाता है। यहां से लंबी दूरी की कई ट्रेनें संचालित है। अंबिकापुर-अनूपपुर रेलखंड में उदलकछार से लगभग 12 किलोमीटर की नई रेल लाइन मनेंद्रगढ़ तक के लिए स्वीकृत की गई है।
इस रेल लाइन का निर्माण पूरा हो जाने से उम्मीद की जा रही थी कि चिरमिरी तक आने वाली ट्रेनों को अंबिकापुर तक बढ़ा दिया जाएगा। लेकिन कोरोना संकट काल में यह काम भी पूरा नहीं हो सका।न तो नई रेल लाइन बिछाने का काम पूर्ण हो सका और न ही चिरमिरी तक आने वाली ट्रेन को अंबिकापुर तक बढ़ाने का कोई निर्णय लिया जा सका है।
सरगुजा में रेल और यात्री सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के लिए जो वादा मैंने चुनाव से पहले किया था, उन सारे वादों को पूरा किया जाएगा। कोरोना संकट की वजह से इस साल थोड़ी दित आई लेकिन अभी भी मेरे कार्यकाल का तीन साल बचा हुआ है। इन तीन सालों में परिवहन सेवाओं में भी बढ़ोत्तरी नजर आएगी। दरिमा हवाई पट्टी से उड़ान शुरू करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा भी 27 करोड रुपए दिए गए हैं।