शामली। 3282 करोड़ रुपये की लागत से मेरठ-शामली, करनाल, कैथल तक नई रेलवे बिछाई जाएगी। 175 किमी लंबी इस रेलवे लाइन का सर्वे पूूूरा हो गया है। प्रस्तावित रेलवे लाइन पर 23 रेलवे स्टेशन, 70 रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी), चार रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी), 206 कर्मचारियों के आवास बनेंगे। रेलवे बजट में पानीपत-मेरठ नई रेलवे लाइन के लिए 2200 करोड़ का प्राविधान किया गया था। साथ ही कैथल से करनाल, शामली, मेरठ नई रेलवे लाइन के सर्वे की घोषणा की गई थी। जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत कैैैराना क्षेत्र के झारखेड़ी गांव निवासी संजय कुमार सैनी ने उत्तर रेलवे के उप मुख्य अभियंता तिलक ब्रिज नई दिल्ली से 18 दिसंबर 2018 को इस नई रेलवे लाइन की 11 बिंदुओं पर जानकारी...
more... मांगी गई थी।जवाब में उपमुख्य अभियंता सर्वे सुजीत कुमार ने कैथल-करनाल, शामली, मेरठ नई रेलवे लाइन के सर्वे के बारे में बताया कि यह परियोजना 175 किमी लंबाई की होगी। इसमें 3282 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके सर्वे के लिए 25 लाख रुपये का बजट जारी किया गया था। सर्वे रिपोर्ट को विवरण के साथ 15 जुलाई 2018 को रेलवे बोर्ड को भेज दिया गया है। इस प्रस्तावित रेलवे लाइन पर 23 रेलवे स्टेशन, 70 रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी), चार रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी), 206 कर्मचारियों के आवास बनेंगे। मेरठ-पानीपत नई लाइन भी स्वीकृत हो चुकी है। ये है सर्वे रिपोर्टहरियाणा के कैथल जिला मुख्यालय से मुंडरी, पुंडरी, हबरी, निसंग, बहलालपुर (करनाल जिला), शेखपुरा, बिड़ौली सैयद, झिंझाना, शामली जिला मुख्यालय, गुजरान बलवा, खंदरावली, कांधला, मुजफ्फरनगर जिले का राजपुर, जौला, बुढ़ाना, तलहेरा, मेरठ जिले के सरधना, दौराला, कस्बे से मेरठ तक रेलवे लाइन प्रस्तावित है।अब आगे ये होगा- सर्वे के बाद केंद्रीय रेलवे बोर्ड से स्वीकृत ली जाएगी।- हरियाणा और उत्तर प्रदेश के राज्यों से भूमि अधिग्रहण के लिए अनुमति मांगी जाएगी।- अधिग्रहण की अनुमति के बाद रेलवे मंत्रालय से मुआवजा धनराशि जारी होगी। - रेलवे मंत्रालय से मुआवजा धनराशि आने के बाद रेलवे लाइन बिछाने के लिए बजट मांगा जाएगा।- बजट स्वीकृत होते ही रेलवे लाइन बिछाने के लिए रेलवे मंडल को कार्य सौंपा जाएगा।- रेलवे मंडल कार्यदायी संस्था नामित करने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करेगी।लंबी होगी प्रक्रियाशामली। उत्तर रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों के मुताबिक नई रेलवे बिछाने में सालों लग जाते है। मेरठ-शामली, करनाल और कैथल रेलवे परियोजना को पूरा होने में लगभग एक दशक लगेगा। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक रेलवे लाइन के सर्वेक्षण और मुआवजा वितरण में ही सालों लग जाते है। अधिकारियों के मुताबिक मेरठ-पानीपत नई रेलवे के लिए वर्ष 1999 से लेकर 2018 तक कई बार सर्वेक्षण हो चुका है, जबकि इस रेलवे लाइन के लिए दो साल पहले ही 2200 करोड़ रुपये का प्राविधान किया जा चुका है। अभी तक कार्रवाई जस की तस है।.