जबलपुर-गोंदिया के बीच बहुप्रतीक्षित रेल अमान परिवर्तन का काम पूरा होने के बाद अब इस मार्ग पर मेमू ट्रेन चलाने की तैयारी है। जबलपुर से गोंदिया के बीच आठ डिब्बों की ये ट्रेन संचालित होगी। ट्रेन का रैक नैनपुर में पहुंच गया है। इसका ट्रॉयल चल रहा है। रेलवे बोर्ड से संचालन के लिए अनुमति मांगी गई है। वहां से हरी झंडी मिलते ही संचालन शुरू हो जाएगा। रेल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिसंबर तक इसका संचालन शुरू हो जाएगा।
मेमू ट्रेन में कई अच्छी सुविधाएंब्रॉडगेज पर यात्री ट्रेन चलाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। कोरोना के चलते मार्च से पैसेंजर ट्रेनों का संचालन इस ट्रैक पर बंद है। इसकी वजह से इस क्षेत्र के हजारों अप-डाउनर्स को...
more... परेशानी उठानी पड़ रही है। मेमू का नया रैक नैनपुर स्टेशन पहुंच गया है। मेमू के इस रैक में शौचालय और वॉशरूम की भी सुविधा दी गई है। ब्रॉडगेज पर प्राकृतिक नजारों को निहारने के लिए बड़ी विंडो लगाई गई है। दोनों छोर से मेमू चलाने के लिए रेलवे बोर्ड से और मेमू रैक मांगे गए है।मेमू ट्रेन पटरी पर दौड़ने के लिए तैयारदक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने आठ कोच के इस मेमू ट्रेन का ट्रॉयल रन कराया है। इंजीनियरों की निगरानी में मेमू ट्रेन का ट्रॉयल सफल रहा। सिल्वर-नीले रंग के इस मेमू को नैनपुर रेलवे स्टेशन की साइडिंग पर खड़ा किया गया है। इसे जबलपुर-नैनपुर-गोंदिया के बीच चलाने की तैयारी है। इसके लोकार्पण की तैयारी चल रही है। रेल मंत्री से समय मिलते ही ब्रॉडगेज परियोजना के लोकार्पण के साथ मेमू ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई जाएगी। 274 किमी दक्षिण भारत की दूरी कम करने वाली ब्रॉडगेज परियोजना पूरी होने के बाद इस ट्रैक पर दूसरी ट्रेनों के संचालन की भी तैयारी है।लॉकडाउन से बंद है पैसेंजर ट्रेनों का संचालनइस रेलखंड में अमान परिवर्तन का काम पूरा होने के बाद जबलपुर-नैनपुर-चिरईडोंगरी तक डीजल पैसेंजर ट्रेन शुरु की गई थी। लॉकडाउन के बाद से यह ट्रेन सेवा बंद है। नैनपुर-मंडला रेलखंड में चिरई-डोंगरी से मंडला फोर्ट तक अमान परिवर्तन का कार्य भी पूरा हो गया है। ब्रॉडगेज लाइन बनने के बाद जबलपुर तक ट्रेन सेवा शुरु करने की मांग जोर पकड़ रही है। बालाघाट जिला भी संभागीय मुख्यालय से लंबे समय से सीधी रेल मार्ग से कटा हुआ है। बालाघाट-गोंदिया के बीच पहले से ट्रेन सेवा संचालित है। मेमू का जबलपुर से गोंदिया के बीच संचालन से बालाघाट तक रेल सेवा जुड़ा जाएगी।
जल्द गति के लिए मेमू ट्रेन में रहते हैं दो से तीन इंजनमेमू ट्रेन में तीन इंजन होते हैं। ट्रेन में आगे व पीछे एक-एक व बीच में एक इंजन रहता है। इस कारण यह ट्रेन तेज रफ्तार से बढ़ने के साथ ही 100 से 150 किमी तक की गति पकड़ लेती है। इस मेमू ट्रेन चलने से लोकल यात्रियों को खासा फायदा होगा। ये ट्रेन पूरी तरह इंटरकनेक्ट हैं। साथ ही यात्रियों के लिए और भी कई तरह की सुविधाएं भी इस ट्रेन में शामिल हैं। कोच के गेट भी बढ़े साइज के होते है।8 से 10 सेकंड में पकड़ लेती है 100 किमी/घंटे की रफ्तारमेमू ट्रेन कम समय में रुक और चल सकती है। प्लेटफाॅर्म से चलते ही 8 से 10 सेकंड में यह ट्रेन 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ लेगी। यही नहीं ट्रेन में सवार यात्रियों को झटका भी नहीं लगेगा। बिजली की खपत भी कम होगी। नागपुर मंडल में अभी मेमू ट्रेन की 3 रैक आई हैं। जल्द ही और रैक आने की संभावना हैं। इस ट्रेन को चलाने के लिए ड्राइवर और गार्ड को ट्रेनिंग दिलाई जा चुकी है।रेलवे बोर्ड के निर्णय का इंतजारदक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ साकेत रंजन ने बताया कि मेमू का रैक नैनपुर में भेजा गया है। जबलपुर-बालाघाट के ब्रीच ब्रॉडगेज का काम पूरा हाे चुका है। विभाग की ओर से पूरी तैयारी की जा चुकी है। मेमू ट्रेन चलाने और टाइमिंग का निर्धारण रेलवे बोर्ड से मंजूरी मिलने पर होगा। कोरोना के चलते मार्च से इस मार्ग पर पैसेंजर ट्रेनों का संचालन बंद है। इससे इस क्षेत्र के लोगों की कठिनाई को देखते हुए जल्द ट्रेनों का संचालन शुरू करने के लिए बोर्ड को अवगत कराय गया है।
Main Railway Station ki baat kar raha hun woh Secr ka hai bhai
Aap jo bol rahe ho woh toh Jharsuguda ka bhi wahi hai Jharsuguda station SER mein Aata hai aur jo pf ka starter signal hai waha se Secr shuru ho jata hai
रायपुर। गाड़ी संख्या 02442/02441 नई दिल्ली-बिलासपुर-नई दिल्ली राजधानी स्पेशल के समय में आंशिक परिवर्तन किया गया है। डीआरएम कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक यह परिवर्तन 4 जुलाई से किया गया है। नई दिल्ली से रवाना होने वाली राजधानी स्पेशल रायपुर स्टेशन पर 10:20 बजे के स्थान पर 10:05 बजे आकर 10:15 बजे बिलासपुर रवाना होगी। 6 जुलाई 2020 से बिलासपुर से दोपहर 02.40 बजे रवाना होने वाली राजधानी स्पेशल 02.00 बजे रवाना हो कर 03:30 बजे रायपुर पहुंचेगी। 03.40 बजे नई दिल्ली के लिए रवाना होगी।
It's temporary as they are working for zero based TT
From Ngp to Ndls
जबलपुर, इंदौर के नेताओं के दबाव में इंदौर को छत्तीसगढ़ से सीधी ट्रेन के जरिये जोड़े जाने के लिए दुर्ग भोपाल व्हाया जबलपुर अमरकंटक एक्सप्रेस को इंदौर तक बढ़ाने की तैयारी कर ली गई है। पिछले दिनों पहुंचे रेल मंत्री के समक्ष पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा ताई के नेतृत्व में स्थानीय सासंद व अन्य नेताओं ने उनपर इस बात के लिये दबाव बनाया था। लिहाजा इंदौर में नई ट्रेन के लिए जगह बनाने के लिए जबलपुर-इंदौर ओवरनाइट एक्सप्रेस को रतलाम तक ले जाने का प्रस्ताव बनाया गया है। सूत्रों के मुताबिक रतलाम मंडल ने दोनों ट्रेनों के विस्तार की तैयारी पूरी कर ली है, सिर्फ रेलवे बोर्ड से इस बात की अनुमति होने के बाद रेलवे बोर्ड से आदेश भी जारी हो गये है।
यहां...
more... बता दे कि इंदौर की पूर्व सांसद व पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन लगातार इस प्रयास में थी कि छत्तीसगढ़ के लिए सीधी ट्रेन इंदौर को मिले। इसके लिए उन्होंने लगातार रेलवे बोर्ड के अधिकारियों व रेलमंत्री से चर्चा भी की, जिसके बाद इंडियन रेलवे टाइम टेबिल को-आर्डिनेशन कमेटी (आईआरटीटीसीसी) की बैठक में टाइम टेबिल को मंजूरी दे दी गई, बैठक में इस बात की भी चर्चा हुई कि अमरकंटक एक्सप्रेस के लिए जगह बनाने के लिए जबलपुर-इंदौर ओवरनाइट एक्सप्रेस को रतलाम तक बढ़ाया जाए, क्योंकि यह ट्रेन सुबह १० बजे के लगभग पहुंचती है और शाम ६ बजे तक वहीं खड़ी रहती है, इसलिए इसे रतलाम तक विस्तारित किया जाए, ताकि अमरकंटक एक्सप्रेस के लिए जगह बन सके।
जबलपुर-इंदौर ओवरनाइट का प्रस्तावित टाइम टेबिल
इंदौर से रतलाम के बीच की प्रस्तावित समय सारिणी के अनुसार गाड़ी संख्या २२१९२ ओवरनाइट एक्सप्रेस जबलपुर से निर्धारित समय रात ११.५० बजे रवाना होगी। ट्रेन निर्धारित समय दूसरे दिन सुबह १० बजे इंदौर पहुंचेगी। यहां से १०.२० बजे रवाना होकर ट्रेन सुबह ११.१५ बजे फतेहाबाद पहुंचेगी। यहां दो मिनिट रुकने के बाद ट्रेन दोपहर १२.०२ बजे वारंगर और दोपहर १२.४० बजे रतलाम रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। इसी तरह प्रस्तावित समय के अनुसार वापसी में गाड़ी संख्या २२१९२ जबलपुर ओवनाइट एक्सप्रेस शाम ४.२० बजे रतलाम से रवाना होगी, जो शाम ५.१० बजे वारंगर पहुंचेगी, यहां दो मिनट रुकने के बाद ५.४५ बजे फतेहाबाद पहुंचेगी। यहां भी ट्रेन दो मिनट रुकेगी। इसके बाद ट्रेन शाम ६.२० बजे इंदौर रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। यहां से ट्रेन अपने पूर्व निर्धारित समय शाम ६.४० बजे जबलपुर के लिए रवाना होगी।
Extra Rake lagega tabhi extension hoga warna tt change karna padega
Lekin Rsa Mushkil lag raha pehle Narmada bsp se Indore jayegi phir woh Indore se Durg Amarkantak ban ke jayegi phir Phir durg se Indore phir woh rake Indore se Bilaspur aayega
Aur Uska PM Bilaspur karega Ye Feasable nhi lag raha Neta Log kuch bhi proposal dete hai isse better Ek Extra lekar chala sakte hai
Abhi ka time table
Achha hi hai aur Daily train ka time table change mushkil se hi hota hai Ab Dekho Tai ki Marzi Hai Jaisa Tai Chahe Gi Waisa Railway Kargi Baaki
Future mein pata chalega
Time Table bilkul change nhi karna chahiye Extension ke chakkar mein par extend hone Bhopal ka Gnwl Quota chin jayega isse better Mahanadi Express Ko Dobara chalu kar sakte the
दपूमरे के प्रमुख स्टेशनों से साउथ की ओर जाने वाली गाड़ियों में भीड़ को देखकर दो स्थाई स्लीपर कोच की सुविधा दी गई हैं। यह सुविधा गाड़ी संख्या 22648 व 22647 त्रिवेंद्रम-कोरबा एक्सप्रेस में दी है। अतिरिक्त स्थाई कोच का लाभ त्रिवेंद्रम से 28 नवंबर तो कोरबा से 30 नवंबर से मिलने लगेगा।
Korba TVC ka rapti Sagar se rsa nhi hai kuch bol rahe ho
Ahilya nagri aur Shm TVC se hai
रायपुर . दिल्ली जाने वाले यात्रियों के लिए मिलने जा रही नई सुविधा यानी पूरी तक एयरकंडीशंड और सुपरफास्ट हमसफर एक्सप्रेस में स्लीपर बोगियां जोड़ने की योजना अजीब तर्क की वजह से रोकनी पड़ गई है। रेलवे ने देशभर में हमसफर में इसी माह थर्ड एसी के साथ स्लीपर जोड़ने के निर्देश दिए थे। देशभर में ऐसा हो रहा है, लेकिन रायपुर की ट्रेन के लिए इलाहाबाद जोन ने अजीब रोड़ा अटका दिया। जोन ने तर्क दिया कि स्लीपर जोड़कर ट्रेन को जैसे ही इलाहाबाद जोन में लाया जाएगा, वहां ट्रेनों की स्पीड 130 किमी प्रति घंटा हो जाएगी। हमसफर में लगाए जा रहे स्लीपर इस स्पीड को झेल नहीं पाएंगे। इसलिए इसे अनुमति नहीं दी जा सकती। जाहिर है, इस तर्क के बाद रेलवे ने सिर्फ छत्तीसगढ़ की हमसफर में स्लीपर जोड़ने की योजना रोक दी है।
दुर्ग...
more... से रायपुर होकर निजामुद्दीन जाने वाली हमसफर एक्सप्रेस उत्तर मध्य रेलवे यानी इलाहाबाद जोन के इलाके झांसी, ग्वालियर, आगरा कैंट और मथुरा से गुजरती है। यहां ट्रेन तभी चल सकती है, जब जोन की अनुमति हो। जोन के इंकार की वजह से ही योजना रोकनी पड़ी है। गौरतलब है, हमसफर एक्सप्रेस केवल थर्ड एसी कोच के साथ चलती है। इसमें कोई श्रेणी की बोगियां नहीं हैं। ट्रेन काफी घाटे में चल रही है, इसलिए रेलवे ने देशभर में चल रही हमसफर में इसी महीने से स्लीपर कोच जोड़ने का निर्देश दिया।
चार स्लीपर की गुंजाइश
दुर्ग-निजामुद्दीन हमसफर 18 एलएचबी कोच के साथ चल रही है। इसमें चार स्लीपर कोच जोड़ने की गुंजाइश है। एलएचबी के एक स्लीपर कोच में 72 की जगह 80 बर्थ रहती हैं। चार कोच जोड़ने से छत्तीसगढ़ से दिल्ली के लिए हफ्ते में दो बार सुपरफास्ट हमसफर में 320 अतिरिक्त बर्थ मिल जातीं। इसका लाभ इसलिए होता क्योंकि दिल्ली रूट की सारी ट्रेनें पैक चलती हैं।
भास्कर पड़ताल : लेकिन एलएचबी कोच झेल सकते हैं 160 की स्पीड
इलाहाबाद जोन ने 130 की स्पीड को अधार बनाकर हमसफर में कोच लगाने का विरोध कर दिया, लेकिन भास्कर टीम ने एलएचबी के स्लीपर की जांच की तो पता चला कि यह कोच 160 किमी तक की रफ्तार असानी से झेल सकता है। इसके लिए भास्कर टीम ने बुधवार दोपहर 12.40 बजे पुरी-एलटीटी सुपरफास्ट में लगे एलएचएबी कोच का जायजा लिया। इस ट्रेन के सभी कोच एलएचबी हैं। इसके स्लीपर कोच के पिछले हिस्से में पूरी जानकारी दर्ज है। इस कोच में साफ लिखा है कि यह स्लीपर एलएचबी बोगी 160 की गति को झेलने में भी सक्षम है। कई रेलवे अफसर भी इलाहाबाद जोन के तर्क से असहमत हैं। हालांकि यह विरोध फिलहाल मौखिक ही है।
डायनेमिक फेयर भी समाप्त
हमसफर में डायनेमिक फेयर सिस्टम की वजह से 50 फीसदी सीटें खाली चल रही हैं। अब रेलवे इस सिस्टम को हटाने जा रहा है। इसके बदले बनाया जा रहा नया सिस्टम इसी महीने के अंत तक लागू कर दिया जाएगा। इसके बाद यात्रियों को सभी बर्थ के लिए एक ही किराया देना होगा। तत्काल टिकट सिस्टम को भी सामान्य ट्रेनों जैसा कर दिया गया है।
उत्तर मध्य रेलवे ने 130 की स्पीड की वजह से सेफ्टी को अाधार बनाया है। चूंकि ट्रेन जिस जोन व मंडल क्षेत्र से गुजरती है, वहां की अनुमति के बगैर बोगियां नहीं जोड़ सकते। इसलिए हमसफर में स्लीपर कोच रोकने पड़े। - तन्मय मुखोपाध्याय, सीनियर डीसीएम रायपुर
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Good Decision Humsafar Class Train should run with only Ac coaches
Na bhai 62 and 75% occupancy hai
Bhai Sleeper lagne se Phir Kaahe ki Humsafar
Usse better nayi express train chala de railway
Aur return ki timings dopahar kare toh 90+ ho sakti hai occupancy
Who says Durg Humsafar is Ultra Flop it is Running with 75% occupancy
Haan uska timing change hoga toh thik rahega sabhi evening ko trains prefer karte hai khud main hi bsp se nzm kai baar gaya hun par aaj tak kabhi isse return nhi hua
I m regular traveller of this train travelled more than 10 time between Bsp/usl to Nzm so don't argue un-necessarily here please and it's my view point that i dont want sleeper coaches in it . If everyone goes with your perception Bilaspur Rajdhani should also get sleeper coaches isn't it
And I don't care about Jhansi - Nzm section you have all bunch of trains every 20 min to Delhi
This the occupancy of hs given by railways and Hs is 3ac train so let it be
Then Humsafar is also an AC class train you should know that if attach sleeper then what will be the difference between normal train it
Here is one page of pdf durg hs is way better than many other Humsafar
It depends according to season and now people are aware of this train earlier I used to get my preffered side lower berth but now it's very hard to get
Have a look at Src Pune Hs
Check here 29 % occupancy of Rmm - Ajmer HS
I have to check it as it was shared in my rf whatsapp group
All 68 up/dn Hs occupancy shared above in this forum check it