चंडीगढ़-बद्दी रेललाइन का रास्ता धीरे-धीरे साफ हो रहा है। केंद्र सरकार ने रेलवे एक्ट की धारा 20(क) के तहत भूमि अधिग्रहण की अधिूसचना जारी कर दी है। जिन किसानों की जमीन इसमें आई है, वे 30 दिनों में एसडीएम नालागढ़ को आपत्तियां लिखित रूप में दर्ज करवा सकते हैं। आपत्तियां सुनने के बाद जमीन का रिकॉर्ड वापस रेलवे को जाएगा। चंडीगढ़-बद्दी रेललाइन के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य तीन साल से चल रहा है। जमीन मालिकों और रेलवे अधिकारियों के बीच जमीन के मूल्य पर सहमति नहीं बनी थी। इससे यह कार्य ठंडे बस्ते में था। रेलवे ने इसे स्पेशल प्रोजेक्ट के तहत लिया है। हिमाचल की 33.75 हेक्टेयर जमीन प्रोजेक्ट के तहत आई है। इसमें एक सौ से अधिक किसानों की जमीन का अधिग्रहण होना है।
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more... बद्दी तहसील के 9 गांवों सराजमाजरा लबाना, बद्दी शीतलपुर, चक जंगी, कल्याणपुर, बिलांवाली गुजरां, लंडेवाल, हरिपुर संडोली, संडोली व केंदूवाल में जमीन का अधिग्रहण होना है। पहले तहसीलदार बद्दी को भूमि अधिग्रहण का अधिकारी चुना गया था और नेगोसिएशन अधिकारी एसडीएम को बनाया था। कई बार जमीन मालिकों के साथ तहसीलदार ने बैठक की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। सरकार ने सर्कल रेट के आधार पर जमीन के रेट तय किए थे, लेकिन बद्दी शीतलपुर जमीन के रेट सबसे अधिक होने से अन्य गांव के लोगों ने रेट लेने से मना कर दिया था। जमींदारों ने सभी जमीन का गोल रेट निर्धारित करने की मांग कर एक करोड़ रुपये बीघा की मांग रखी थी। सरकार यह देने को तैयार नहीं हुई थी। अब रेलवे की स्पेशल रेलवे प्रोजेक्ट की घोषणा के बाद इस काम में तेजी आई है। विशेष भूमि अधिग्रहण यूनिट के तहसीलदार केएस लालटा ने बताया कि तीस दिनों के भीतर भूमि मालिक अपनी आपत्तियां दर्ज करवा सकते हैं।