Ranchi : भारतीय रेलवे माल गोदाम श्रमिक यूनियन को श्रम मंत्रालय भारत सरकार द्वारा मान्यता दे दी गयी है. यूनियन की उठायी हुई मांगों पर सकारात्मक विचार करते हुए मंत्रालय ने माल गोदाम श्रमिकों को ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत करने का आदेश दिया है. जिसके बाद पूरे भारत में रेलवे के माल गोदाम श्रमिकों को एक पहचान मिली है.इसी अवसर को देखते हुए भारतीय रेलवे माल गोदाम श्रमिक यूनियन ने पूरे भारत में 26 से 28 जनवरी 2022 को विभिन्न स्थानों पर रेलवे माल गोदाम श्रमिकों तथा उनके परिवार के साथ कोरोना नियमों के तहत छोटी-छोटी बैठक की. जहां छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान के लिए कुछ मांगों को प्रमुख रूप से अंकित किया और बताया सभी रेलवे गुड्स शेड श्रमिकों को ‘मजदूरी’ के लिए एक निश्चित अनुबंध प्रदान करने की आवश्यकता है.
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more... रोकने के लिए मजदूरी रसीद की व्यवस्था की जाये. डिजिटल इंडिया के अनुसार मजदूरी सीधे श्रमिकों के खाते में स्थानांतरित की जानी चाहिए.
आयुष्मान भारत के अनुसार रेलवे गुड्स शेड के सभी कर्मचारियों को पीने का पानी, उचित टॉयलेट, रेलवे शेड में कैंटीन, श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए मुफ्त दवा, दुर्घटना बीमा, रेल पास, पेंशन लाभ और उसके लिए नौकरी प्रतिस्थापन जैसी उचित बुनियादी सुविधाएं होनी चाहिए.
परिवार के किसी सदस्य को दुर्घटना की स्थिति में नौकरी मिले. बाल शिक्षा, आवास, उचित ड्रेस कोड तथा उचित पहचान पत्र जैसी सुविधाएं दी जायें.
प्रवक्ता परिमल कांति मंडल ने बताया कि श्रम मंत्रालय, भारत सरकार ने हमारे माल गोदाम श्रमिकों को वही पहचान देकर उन्हें जीवन में एक नयी दिशा की ओर अग्रसर किया है.
आज रेलवे माल गोदाम श्रमिक यूनियन के मजदूरों को हमारे द्वारा किये गये प्रयासों के कारण आशा की नयी किरण दिखाई दे रही है. हालांकि अभी हमारी सभी मांगें पूरी नहीं हुई हैं, कुछ पर विचार मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है.