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धनबाद: धनबाद रेल मंडल ने बीसीसीएल के सीएमडी को पत्र लिख जमीन हस्तांतरण का प्रारूप तैयार करने का आग्रह किया है. 15 महीने से बंद धनबाद-चंद्रपुरा (डीसी) रेल लाइन पर फिर से ट्रेनों के चलने की संभावना अब पूरी तरह से समाप्त हो गई है. कुसुंडा से टूंडु तक 14 किलोमीटर क्षेत्र में ट्रेक वाली भूमिगत आग से प्रभावित जमीन के नीचे से अब बीसीसीएल कोयला खनन करेगी. इसके लिए रेलवे ने बीसीसीएल को जमीन सौंपने की परिक्रिया शुरू भी कर...
more... दी है. रेलवे बोर्ड के निर्देश पर धनबाद रेल मंडल इस संबंध में बीसीसीएल के सीएमडी अजय कुमार सिंह को एक पत्र लिखा है. इसमें जमीन हस्तांतरण की परिक्रिया जल्द पूरी करने को कहा गया है। रेलवे की पत्र के मद्देनजर बीसीसीएल के सीएमडी के निर्देश पर तकनीकी निदेशक ने एनओसी हासिल करने के लिए प्रारूप तैयार करना शुरू कर दिया है. प्रारूप में यह दर्ज किया जाएगा कि डीसी रेल लाइन की जमीन कितने साल के लिए लेनी है और आग बुझा कर कोयला निकालकर कब तक उसे रेलवे को लौटना है ?
कुसुंडा से टूंडु के बीच 14 किलोमीटर तक ट्रेक वाली जमीन कोयला खनन के लिए बीसीसीएल को सौंपी जानी है.
रेलवे की ओर से डीसी लाइन की जमीन हैंड ओवर करने में देरी पर कोयला सचिव डॉ इंद्रजीत सिंह ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी को कड़ा पत्र लिखकर नाराजगी जताई है. पत्र में कहा गया है कि दिल्ली में जॉइंट सेक्रेटरी स्तर की बैठक और फिर धनबाद में 21 जुलाई को हुई एचपीसीसी की बैठक में सब कुछ तय हो जाने के बाद भी स्थानीय स्तर पर रेलवे की ओर से एनओसी की कार्यवाही शुरू नहीं किया जाना चिंता की बात है. सचिव ने चेयरमैन से आग्रह किया है कि वो जॉन और मंडल के अफसरों को जल्द एनओसी देने का निर्देश दें. इस पत्र के बाद रेलवे हरकत में आई और धनबाद रेल मंडल के सीनियर डिवीजनल इंजीनियर (स्पेशल) ने बीसीसीएल के सीएमडी से हस्तांतरण का प्रारूप तैयार करने का आग्रह किया.
वही, खनन के जानकारों की माने तो कुसुंडा से लेकर टूंडु तक रेल लाइन वाली जमीन के नीचे लगी आग को बुझाने और वहां से कोयला निकालने की प्रक्रिया काफी लंबी चलेगी. सबसे पहले ट्रेक उखाड़ी जाएगी, फिर भूमिगत आग को बुझाया जाएगा, उसके बाद ही कोयला निकाला जा सकेगा. इन सब में 20 से 25 साल तक का समय लग सकता है. कुसुंडा से टूंडु के बीच बीसीसीएल के चार क्षेत्र, कुसुंडा, सिजुआ, कतरास और गोविंदपुर की कोलियारियां पड़ती है. इस बीच की खदानों में करीब 2 बिलियन टन कोयले का भंडार है.
15 जून 2017 को डीसी रेल लाइन पर बंद कर दिया गया था ट्रेनों का परिचालन. डीजीएमएस ने कुसुंडा से टूंडु तक इस लाइन पर ट्रेन चलाने को असुरक्षित घोषित कर दिया था. उसने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि इस लाइन को भूमिगत आग से खतरा है. इसके बाद इस रूट की 19 जोड़ी ट्रेनों का परिचालन एक झटके में बंद कर दिया गया. स्थानीय स्तर पर इसकी तीखी प्रतिक्रिया भी हुई थी. धरना-प्रदर्शन के जरिए तमाम राजनीतिक, सामाजिक, व्यावसायिक संगठनों ने इस फैसले पर कड़ा विरोध जताया था.
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