अक्टूबर के बाद पंजाब लैंड लॉक स्टेट नहीं कहलाएगा, क्योंकि राज्य का सबसे बड़ा ड्राई पोर्ट ‘पंजाब लॉजिस्टिक पार्क’ लुधियाना-दिल्ली वाया जाखल रेल लाइन के साथ तैयार हो जाएगा। पंजाब का यह पहला फ्रेट ट्रैक होगा, जिस पर डबल डेकर मालगाड़ियां चलेंगी। इससे ट्रांसपोर्टेशन खर्च 33% तक घटेगा। अभी मुंबई से लुधियाना तक का एक कंटेनर (18 मिट्रिक टन) 35 हजार रुपए में पहुंचता है।
डबल डेकर होने पर ये साढ़े 23 हजार में पहुंच जाएगा। 150 एकड़ में बन रहे ड्राई पोर्ट को मिडिल ईस्ट के साथ व्यापार बढ़ाने के इरादे से तैयार किया जा रहा है। यहां रोज पांच मालगाड़ियां लोड-अनलोड हो सकेंगी। सामान उतारने-चढ़ाने के लिए यहां 250 ट्रकों की कैपेस्टी वाला कंटेनर ट्रक पार्किंग स्लॉट तैयार हो चुका...
more... है। खास बात ये है कि इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास तक नहीं किया गया। सीधा उद्घाटन होगा। काम इतना चुपचाप और तेजी से चल रहा है कि ज्यादातर लोगों को यह भी नहीं पता कि यहां सबसे बड़ा ड्राई पोर्ट बन रहा है।
चार बड़ी बातें...
1.11,500 रु. बचेंगे एक कंटेनर पर: दावा कि फायदा इंडस्ट्री को पासऑन होगा
2. 5 के बजाए 2 दिन लगेंगे : मुंबई से लुधियाना तक तीन दिन बचेंगे
3. मिडिल ईस्ट से व्यापार बढ़ेगा : दशकों से किए जा रहे दावे अब पूरे हो सकेंगे
4. 4500 लोगों को रोजगार : चुनाव में भुनाने के लिए तेजी पकड़ी काम ने
इंडस्ट्री को मिलेगा बूम, सारा माल यहीं से आएगा-जाएगा
ईस्टर्न और वेस्टर्न नाम से दो डेडिकेडड फ्रेट कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। इन रेल लाइनों पर केवल मालवाहक गाड़ियां चलेंगी। पहला कॉरिडोर मुंबई से दादरी वाया रेवाड़ी और दूसरा कोलकत्ता से दादरी तक बनाया जा रहा है। प्रोजेक्ट तैयार कर रही कंपनी कॉनकोर के चेयरमैन कम एमडी अनिल गुप्ता ने बताया रेवाड़ी वाया रोहतक, जाखल होते हुए एक डेडिकेडड रेल लाइन लुधियाना तक बनाई जा रही है। मुंबई, मुंद्रा और अन्य पोर्ट से बाहरी देशों में आने और जाने वाला सारा माल पंजाब लॉजिस्टिक ड्राई पोर्ट के जरिए ही भेजा जाएगा।
ये फायदा... गुप्ता कहते हैं कि अभी जहां मुंबई पोर्ट से लुधियाना तक सामान पहुंचने में 5 दिन लगते हैं। इस कॉरिडोर के बनने से करीब 40 घंटों में सामान पहुंच जाएगा। पहले चरण में डबल डेकर कंटेनर वाली गाड़ियां चलाएंगे। उसके बाद सभी पुलों का काम पूरा हो जाएगा तो इसे फोर डेकर तक करने का विचार है। ड्राई पोर्ट पर ही साइलोज लगाए जाएंगे ताकि भविष्य में दूसरे प्रदेशों में अनाज को जल्द से जल्द पहुंचाया जा सके। इस समय अनाज की मूवमेंट काफी कम होने से काफी अनाज खराब हो जाता है।
फ्यूचर प्लान... इस रेल लाइन के साथ इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने का प्रावधान है, लेकिन अभी इसमें वक्त लगेगा। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने इन दोनों कॉरिडोर को मंजूरी दी थी। इस समय पंजाब से ज्यादातर माल अटारी बार्डर से न होकर मुंबई पोर्ट से जाता है, लेकिन जिस तरह से बड़ी कंपनियां इस ओर बढ़ी हैं, उससे साफ है कि अटारी बार्डर के माध्यम से बिजनेस बढ़ाया जाएगा। अहमदगढ़ से दस किलोमीटर की दूरी पर अडानी इंफ्रास्ट्रक्चर भी ऐसा ही ड्राई पोर्ट बना रहा है।