Jaipur: चूल्हा-चौके के साथ आज महिलाएं देश के हर क्षेत्र में बढ़ रही है. आधी आबादी आज कंधे से कंधा मिलाकर ई-रिक्शा, कार से लेकर हेलीकॉप्टर, रेल संचालन में महिला शक्ति बनी हुई हैं.
आज भी प्रदेश की तरक्की में महिलाएं अहम भागीदारी निभा रही हैं. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) पर जयपुर मंडल स्तर पर महिलाओं को सम्मानित भी किया जा रहा है. ऐसे में महिलाएं समाज और देश में और मजबूत होंगी.
वर्तमान में उत्तर पश्चिम रेलवे पर 80 महिलाएं सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही हैं. देश की बड़ी...
more... लाइन का पहला महिला स्टेशन गांधीनगर रेलवे स्टेशन (Gandhinagar Railway Station) पर भी महिला जवान ही सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही है. उत्तर पश्चिम रेलवे के गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर 24 घंटे महिलाएं स्टेशन पर काम कर रही है. महिला सशक्तिकरण (women empowerment) की दिशा में रेल मंत्रालय ने फरवरी वर्ष 2018 में गांधीनगर रेलवे स्टेशन की कमान महिलाओं के हाथ में सौंपी थी, तब से लेकर आज तक महिलाएं रेलवे स्टेशन का संचालन कर रही हैं. गांधीनगर रेलवे स्टेशन बड़ी रेल लाइन का पहला महिला रेलवे स्टेशन के रूप में सामने आया. गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर शुरुआती दौर में महिलाओं को कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ा था लेकिन अब धीरे-धीरे महिलाएं परिपक्व हो गई है. समय का सामना करते हुए महिलाएं काम के प्रति पहाड़ की तरह रुकी हुई है.
साथ ही महिलाएं गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर रात-दिन काम कर रही हैं. गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर प्रवेश द्वार से लेकर गश्त और चेकिंग तक महिलाएं पूरी तरह से जिम्मेदारी निभा रही है. गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर महिला सुरक्षा जवान में रेलवे सुरक्षा निरीक्षक, सब निरीक्षक, सहायक निरीक्षक और जवान के रूप में महिलाएं मिशाल बन रही है.
क्या कहना है गांधीनगर रेलवे स्टेशन अधीक्षक का
गांधीनगर रेलवे स्टेशन अधीक्षक एंजेल स्टेला ने बताया कि महिला किसी से कम नहीं है. जिस तरह से अन्य रेलवे स्टेशनों पर पुरूष काम कर रहे हैं, वैसे सभी गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर महिलाएं काम कर रही है. रेलवे संचालन और व्यवस्थाए बनाए रखने के लिए पुरुषों के बराबर ट्रेनिंग दी गई है, जिससे किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता. कोई भी कार्य करना असंभव नहीं है. महिलाएं सोचती है कि वह महिला होने के नाते हर काम नहीं कर सकती लेकिन महिलाओं के लिए कोई काम असंभव नहीं होता है. महिलाएं हर काम को अच्छे से कर सकती है. यदि महिला में आत्मविश्वास हो तो बड़ी से बड़ी समस्या का सामना कर सकती है. इसके लिए गांधीनगर रेलवे स्टेशन 24 घंटे स्टेशन पर रोजाना यात्रियों के बीच में रहकर काम कर रही है, जो कि अपने आप में महिलाओं के लिए मिशाल है. गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर सफाईकर्मी से लेकर सुरक्षा बल और स्टेशन अधीक्षक तक महिलाएं काम संभाल रही है. वहीं ट्रेनों के पॉइंटस को बदलना ट्रेक को अन्य लाइन से जोड़ना सभी काम महिलाएं कर रही हैं. महिलाएं आज कमजोर नहीं हैं.
बात चाहे कार की स्ट्रेरिंग संभालने की हो या रेल इंजन संचालन की हो, महिलाएं सभी क्षेत्रों में अपनी काबिलियत हुनर, प्रतिभा और मजबूत इरादों की हो देश की प्रगति में साझेदार बन रही हैं. गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर टिकट बुकिंग, रिजर्वेशन की बात करे तो इनका कहना है कि स्टेशन आने वाले यात्रियों का भी अच्छा सहयोग मिलता है. बात कहने पर यात्री मान भी जाते हैं, यहां सभी पदों पर महिलाएं काम को बखूबी से निभा रही हैं. स्टेशन मास्टर से लेकर मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक, टिकट संग्राहक, रेल सुरक्षा बल की कमान भी महिलाएं संभाल रही हैं. रेलवे स्टेशन की सफाई कार्य भी महिलाएं संभाल रही हैं. रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल में महिला बटालियन की स्थापना की गई है. गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर महिलाओं द्वारा अच्छे कार्य के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे महाप्रबंधक द्वारा भी अवॉर्ड से नवाजा गया है. वहीं जयपुर मंडल रेलवे द्वारा भी गांधीनगर रेलवे को सम्मानित किया जा चुका है.
कोरोना संक्रमण के चलते गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर महिलाओं ने बखूबी से काम का अंजाम दिया था. हाल ही में फिर से कोरोना संक्रमण के नए स्ट्रेन के रूप में अपना प्रभाव दिखा रहा है. ऐसे में गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर कोरोना गाइडलाइन की पूरी तरह से पालना करवाया जा रहा है. स्टेशन पर आने वाले यात्रियों का थर्मल स्क्रीनिंग, सेनेटाइज और मास्क उपयोग का पूरी तरह से उपयोग करवाया जाता है, जिससे कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.