झांसी। रेलवे बोर्ड जल्द ही नई दिल्ली से हबीबगंज स्टेशन के बीच चलने वाली शताब्दी एक्सप्रेस का ललितपुर, मुरैना व धौलपुर स्टेशन पर ठहराव खत्म करने जा रहा है। इन स्टेशनों से रेलवे को ट्रैफिक (यात्री) नहीं मिल पा रहा है। प्रतिदिन इन स्टेशनों से औसत दस से पंद्रह मुसाफिर ही चढ़ रहे हैं। इन स्टेशनों की जगह बीना को नया ठहराव स्टेशन बनाया जाएगा।
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more... भारतीय रेल में जब वीआईपी शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ था, उसमें एक ट्रेन (गाड़ी संख्या 12001/12002) दिल्ली से झांसी के मध्य भी चलाई गई थी। उस समय यह ट्रेन दिल्ली के बाद मथुरा, आगरा व ग्वालियर में ही रुकती थी। मगर, बाद में इसका विस्तार भोपाल और फिर एक जुलाई 2014 से हबीबगंज तक स्टेशन तक कर दिया गया। वापसी में दिल्ली पहुंचने का टाइम अच्छा होने के कारण (रात 10.30 बजे) यह ट्रेन पैक्ड होकर चलती थी। समय के साथ यह गाड़ी राजनीति की भेंट चढ़ गई। इस गाड़ी को मुरैना, धौलपुर व ललितपुर नए ठहराव स्टेशन दे दिए गए। इस कारण यह गाड़ी रात में पौने बारह बजे के बाद ही दिल्ली पहुंचती है। दिल्ली में रात में टैक्सी वाले उल्टे सीधे दाम मांगते हैं। इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। दूसरा रात में होटल तलाशना भी मुश्किलों भरा होता है। यही कारण है कि इस गाड़ी का ट्रैफिक दिनों दिन कम हो गया है। रेलवे बोर्ड ने जिस उद्देश्य से मुरैना, धौलपुर व ललितपुर स्टेशन पर ठहराव दिया था, वह पूरा नहीं हो रहा है। इन स्टेशनों से गिने चुने यात्री ही सफर कर रहे हैं। इस कारण रेलवे बोर्ड अब इन स्टेशनों से शताब्दी एक्सप्रेस का ठहराव खत्म करने की तैयारी में है। साथ ही, बीना स्टेशन को नया ठहराव स्टेशन बनाया जाएगा। यह भी कारणट्रेन के स्टॉपेज बढ़ने से इस ट्रेन का समय पालन भी बिगड़ गया है। वापसी में यह ट्रेन अक्सर लेट हो जाती है। हबीबगंज में भी पौन घंटे ट्रेन रुकती है। इस अवधि में यात्रियों को चढ़ना व उतरना भी पड़ता है। इस कारण ट्रेन में ठीक से सफाई भी नहीं हो पा रही है। रेलवे अफसर इस परेशानी को भलीभांति समझते हैं।