एक IIM (वित्त, अर्थशास्त्र और राजनीतिक विज्ञान योग्यता) और बहराइच (उत्तर प्रदेश) का मूल निवासी होने के नाते, “बहराइच जरवल रोड रेल लिंक परियोजना” पर मेरे विचार इस प्रकार हैं। प्रत्येक व्यवसायिक संस्था व्यवहार्य व्यावसायिक अवसरों की तलाश में दिलचस्पी रखती है, जिसमें मैं सुझाव दूंगा कि निवेश में रिटर्न (ROI) इस परियोजना (Project) पर अधिक है। लेकिन भविष्य में आने वाली चुनौतियों में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें बढ़ेंगी। इस परियोजना की वर्तमान लागत 529.96 करोड़ है जो आज से निकट भविष्य में मुद्रास्फीति (Inflation) इसको 1/2 या 50% अतिरिक्त कर देगी। इस परियोजना को टैप करने के लिए हम हेजिंग (Hedging) का सहारा ले सकते हैं।क्यों नहीं Tenders ASAP raise कर दिए जाये ?
फिर NITIAayog चिल्लाएगी उत्तर प्रदेश और...
more... बिहार सबसे पिछड़े राज्य हैं, इस रिपोर्ट में बहराइच (उत्तर प्रदेश) के पिछड़ेपन के कारणों को पढ़िए। सबसे ज्यादा पीड़ित बहराइच के युवा पीढ़ी हैं जो भारत के मेट्रो शहरों में काम कर रहे हैं ,बहराइच से सेना के हमारे बहादुर जवान हैं जो जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं और विदेश में बहराइच के लोग । आप एक युवा अर्थव्यवस्था को पीछे धकेल रहे हैं | रेलवे एक बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था की रीढ़ है.. It is a sign of Bad Governance एक IIM की बहराइच (उत्तर प्रदेश) की वर्तमान परिवहन प्रणाली का बारीकी से अवलोकन पढ़ें |
एक IIM होने के नाते और भारत के जिम्मेदार नागरिक | मैंने अपने गृह नगर बहराइच Uttar Pradesh की वर्तमान परिवहन प्रणाली का बारीकी से अवलोकन किया । मैं भारतीय रेलवे को सुझाव दे रहा हूँ देर होने से पहले सकारात्मक कदम उठाए।
मेरे प्रिय मंत्री जी, टाउन प्लानिंग के समय बहराइच शहर की मौजूदा जरूरतों पर ध्यान दिया गया है और भविष्य की जरूरतों को भी रखना चाहिए था । भविष्य में जनसंख्या बढ़ैगी और आज की आबादी को दोगुना कर देगा।वस्तुओं और सेवाओं के दाम दोगुना हो जाएगा। जनसंख्या विस्फोट (Population Explosion) और मुद्रास्फीति (Inflation) भविष्य की समस्याएं होंगी।मैं बहराइच जिले की वर्तमान परिवहन प्रणालियों संबंधित समस्याओं पर मैं आपका ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहा हूं ।क्या ये UPSRTCs बसे बहराइच की बढ़ी हुई आबादी को लखनऊ ले जाने में सक्षम होंगे और इसका जवाब नहीं होगा क्योंकि आप बहराइच लखनऊ रोड पर बसों की संख्या बढ़ाने जा रहे हैं और उनकी सड़क पर लोड देने की सीमा है। दुसरी समस्या वर्तमान और भविष्य में UPSRTCs बसों के टिकट की कीमत है, मांग और आपूर्ति के आधार पर पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी बढ़ जाती हैं। भविष्य में एक यात्री ले जाने के लिए प्रति व्यक्ति कीमत 500 रुपये या उससे अधिक होगी। .यह असमंजस की स्थिति होगी | क्या आपने इन सामाजिक और महंगाई जैसे चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है ? आपकी क्या योजना है ? चूंकि बहराइच के लोगों के लिए परिवहन का कोई अन्य साधन उपलब्ध नहीं है, इसलिए UPSRTCs बसों का एकाधिकार बना हुआ हैं बहराइच लखनऊ रोड पर | मंत्री जी बहराइच से UPSRTCs की बसों के माध्यम से मुंबई पहुंचना असंभव है | और बहराइच की युवा पीढ़ी बेहतर जीवन और भविष्य के लिए भारत के मेट्रो शहरों और विदेशों की ओर बढ़ रही है। क्या आप उनकी आकांक्षाओं पर अंकुश नहीं लगा रहे हैं। अन्यथा बहराइच के परिवार स्थायी रूप से पलायन कर जाएंगे। क्या आपने इस सामूहिक पलायन को रोकने के लिए कोई उपाय किया है ? बहराइच के लोगों का सामूहिक पलायन को रोकने और भारत से ब्रेन ड्रेन (Brain Drain) को रोकने के लिए भारत सरकार ने कौन कौन से आकर्षित और मजबूत कदम उठाये हैं | आपके ये “जुगाड़” कब तक काम आएगा | आप बहराइच लखनऊ इंटरसिटी (Bahraich Lucknow Intercity) चलाने जा रहे हैं अच्छी बात है पर गोंडा हो कर कब तक चलेगी ? आप को ज्ञान है Via गोंडा एक लम्बा मार्ग है समय भी नष्ट हो जायेगा | बहराइच जरवल रोड लिंक (केवल 55 कि.मी.) आपकी जानकारी में है लेकिन आप अनदेखा कर रहे हैं| यह मार्ग लखनऊ (130 KM) या आगे के गंतव्यों तक पहुँचने का सबसे छोटा मार्ग है | यह वैसा ही है जैसे कोई व्यक्ति A से B तक जाना चाहता है, लेकिन आपने एक ऐसी प्रणाली बनाने जा रहे है जहां वह C अनावश्यक यात्रा करने के लिए बाध्य होगा | बहराइच लखनऊ रेलवे का किराया बहराइच की आम जनता के पक्ष में होगा। 130 KM के लिए केवल 30 रु |”लखनऊ” बहराइच के लोगों के लिए लाइफ लाइन है | मेरे प्रिय मंत्री जी आप बहराइच से हैं और इस बारे में भली भाँति अवगत होंगे | बहराइच लखनऊ लिंक पूरा होने में समय लेगा अगर इसे अभी नहीं देखा गया फिर बहराइच लखनऊ और आगे के गंतव्य के लिए परिवहन प्रणाली के खराब परिणाम होंगे | मानव चाँद पर पहुँच गया और अब वे अन्य ग्रह पर पहुँचने की योजना बना रहे हैं, लेकिन आप अभी भी बहराइच से लखनऊ पहुँचने के लिए जुगाड़ लगा रहे हैं | डाक सेवाएं प्रभावित हो रही हैं बहराइच के लोग समय पर डाक प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं | बहराइच के लोगों की भारतीय सेना में गहरी रुचि है। वे जम्मू और कश्मीर में तैनात हैं। वे हमारे दुश्मनों से लड़ रहे हैं। मेरे प्रिय मंत्री जी आप नहीं जानते कि एक सेना के व्यक्ति का जीवन कितना कठिन होता है। उनके बलिदान से हम चिंता मुक्त नींद लेने में सक्षम हैं। बहराइच के लोग जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना में तैनात हैं। वे अपने गृह नगर बहराइच जाते हैं अपने परिवार से मिलने के लिए वे जम्मू और कश्मीर से बहराइच की यात्रा करने में असुविधा महसूस करते हैं क्योंकि कोई सीधी ट्रेन सेवा नहीं है। मेरे प्रिय मंत्री जी, आप बहाना देने के बजाये सकारात्मक कदम क्यों नहीं उठाते।आपके सकारात्मक प्रयासों से बहराइच के और भी लोग भारतीय सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित होगे | Total cost of project 529.96 करोड़ क्या भारत सरकार वीर जवानों के लिए इतना नहीं कर सकती ? हमें Fancy बुलेट ट्रेन की जरूरत नहीं है। मेरा सुझाव भारतीय सेना को की वे बहराइच में एक दूरस्थ भर्ती केंद्र (Remote recruitment centre) स्थापित करे | फखरपुर और कैसरगंज के लोग रेलवे लाइन की उम्मीद कर रहे हैं वे आजादी के बाद से ही रेलवे लाइन की मांग करते आ रहे हैं क्या आप उनके सपने को साकार कर सकते हैं ?
बहराइच का जरवल रोड से रेल लिंक नहीं होने के कारण बहराइच का विकास अवरुद्ध हो रहा | बहराइच से लखनऊ की दूरी मात्र 55 कि.मी.(दिल्ली-बरौनी लाइन) हैं | बहराइच जरवल रोड रेल पर निवेश पर रिटर्न (ROI) अधिक है | इस मार्ग पर यात्रियों और माल की आवृत्ति अधिक है। भारतीय रेलवे राजस्व अवसर खो रहा है। बहराइच के लोग इस ट्रेन सुविधा से वंचित हैं।एक द्वीप प्रकार की स्थिति बनाने की कोशिश मत करो बहराइच को कुछ लोग के स्वार्थ के चलते | कुछ निस्वार्थ लोगों की वजह से हम बहराइच के विकास को रोक नहीं सकते हैं l जो लोग विकास कार्य में बाधा डाल रहे हैं, रेलवे अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और आईपीसी (IPC) के तहत मामला दर्ज करना चाहिए और सलाखों के पीछे भेजना चाहिए। वे स्वार्थी लोग बहराइच के धनि लोग और राजनीतिज्ञ, उनके पास चार पहिया वाहन हैं, वे अपने स्वार्थ के चलते बहराइच का जरवल रोड रेल से लिंक नहीं होने दे रहे हैं और कोई आवाज नहीं उठाते मर रही है बहराइच की आम जनता | यह रेल मुद्दा बहुत जटिल है सामाजिक अभिशाप की शक्ल लेता जा रहा है आप ऐसे समझ सकते हैं : 1-बहराइच की families का सामूहिक पलायन 2- बहराइच का पिछड़ापन शर्म है हमारे लिये. 3-महानगरों/बड़े शहर के घर में शादी के रिश्ते reject हो रहे हैं कहते हैं “बहराइच में रेलवे लाइन नहीं वहां से शादी कौन करेगा” 4- राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारी (विशेषकर शिक्षक) बहराइच में posting नहीं चहेते क्योंकि मुख्य लाइन (दिल्ली-बरौनी) पर बहराइच नहीं है | 5-Poor infrastructure 6- दरिद्रता (Poverty)
मेरे प्रिय मंत्री जी मेरा अगला वोट बहराइच जरवल रोड रेल लिंक को समर्पित होगा पुरुष महिलाएं बच्चे वरिष्ठ नागरिक और विकलांग सभी बहराइच लखनऊ रेल संपर्क चाहते हैं बहराइच की जनता मांगे मोर
आप बहराइच के जिम्मेदार नागरिक हैं।
आप पहल क्यों नहीं करते ?
कृपया हस्तक्षेप एवं कार्रवाई करें
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click hereclick here प्रिय पीयूष जी, मैं आपका ध्यान एक महत्वपूर्ण रेलवे लाइन(बहराइच जरवल रेल लिंक)पर आकर्षित करने की कोशिश कर रहा हूं।बहराइच के लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है भारत के मेट्रो शहरों की यात्रा करते समय l बहराइच से लखनऊ के लिए कोई ट्रेन सेवा नहीं है l
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