उज्जैन। उज्जैन-फतेहाबाद के बीच 22 किलोमीटर रेल लाइन के गेज परिवर्तन का काम पूरा होने में एक साल का समय और लगेगा। धीमी गति से काम होने के कारण इस योजना के पूरा होने में देरी हो रही है। रेलवे 3 बड़े पुल व 26 छोटी पुलिया बना रहा है। चिंतामण व लेकोड़ा स्टेशन बनना शुरू हो चुका है। चिंतामण रेलवे स्टेशन का दो मंजिला भवन का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। यहां पर 600 मीटर अधिक लंबा प्लेटफॉर्म बनाया जा रहा है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि दिसंबर 2019 तक की डेडलाइन रखी गई थी। मगर इससे पहले काम पूरा होने में कुछ समय लग सकता है।
बहुप्रतीक्षित उज्जैन-फतेहाबाद के बीच 22 किलोमीटर रेल लाइन के गेज...
more... परिवर्तन के लिए अभी भी एक साल और इंतजार करना पड़ेगा। बारिश का मौसम होने और काम धीमी गति से होने के कारण करीब 240 करोड़ रुपए पूरी होने वाली योजना में देरी हो रही है। रेलवे गेज परिवर्तन के लिए पहले चरण में 29 पुल-पुलिया व दो स्टेशनों का निर्माण कर रहा है। चिंतामण व लेकोड़ा स्टेशन का निर्माण तो शुरू हो चुका है।
चिंतामण रेलवे स्टेशन पर 600 मीटर से अधिक लंबा प्लेटफार्म बनाया जा रहा है। इस पर मालगाड़ी व 24 कोच की ट्रेन आसानी से खड़ी हो सकेगी। प्लेटफार्म के लिए दीवार निर्माण शुरू हो चुका है। इसके अलावा चिंतामण स्टेशन भवन का भी निर्माण काफी हो चुका है। इसके अलावा उज्जैन-फतेहाबाद मार्ग पर गेज परिवर्तन इलेक्ट्रिफिकेशन भी किया जा रहा है। इससे इलेक्ट्रीक इंजन भी चलाए जा सकेंगे।
18 गांवों को मिलेगी सुविधा
इस मार्ग पर चिंतामण व लेकोड़ा रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया जाना है। रेलवे की जमीन के अलावा 3.59 हेक्टेयर जमीन और अधिग्रहित की जा रही है। काम पूरा होने के बाद जवासिया, हासामपुरा, बिंद्राज, खेड़ा, गोंदिया, लिंबा पिपल्या, लेकोड़ा, राणाबड़, कांकरिया, चिराखान, शिवपुरा खेड़ा, रालामंडल, बालरिया, तालोद, उमरिया, टंकारिया, धर्माट गांवों के लोगों को सुविधा मिलेगा। फिलहाल उज्जैन से देवास होते हुए इंदौर जाना पड़ता है। यह मार्ग 79 किलोमीटर है। उज्जैन-फतेहाबाद होते हुए इंदौर की दूरी 63 किलोमीटर हो जाएगी।
रेलवे की कोशिश दिसंबर 2019 तक काम को पूरा करने की है। बारिश के कारण काम की गति धीमी हुई है। बरसात का मौसम खत्म होते ही काम गति पकड़ लेगा। - जेके जयंत, पीआरओ रेलवे .