धनबाद-चन्द्रपुरा लाइन के नीचे आग के आरपार हो जाने से अब तय है कि यह रेल रूट देर सबेर बंद हो जाएगा। इस लाइन पर चलनेवाली दूरस्थ ट्रेनों के परिचालन के लिए नया रूट बनाना होगा। ऐसा हुआ तो यह रेल इतिहास की पहली घटना होगी। इस बड़े पैमाने पर ट्रेनों का रूट नहीं बदला गया है। झरिया मास्टर प्लान में ही चार रेल रूट डायवर्सन की योजना है। झरिया मास्टर प्लान की क्रियान्वयन एजेंसी जेआरडीए ने रेल रूट डायवर्सन की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने के लिए राइट्स के साथ करार किया था। राइट्स ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट पेश कर दी है। इसमें धनबाद-गोमो रेल लाइन के समानांतर अलग से नया रेल रूट बनाने का प्रस्ताव है। फिजिबिलिटी रिपोर्ट के मुताबिक रेल डायवर्सन कर 3216 करोड़ की लागत आएगी। सबसे बड़ा सवाल यह है कि 3216 करोड़ खर्च का वहन कौन करेगा? रेलवे इसके लिए तैयार नहीं है। रेलवे चाहता है कि...
more... कोल कंपनियां खर्च वहन करे। इसलिए कि कोल बियरिंग क्षेत्र और अग्नि प्रभावित क्षेत्र से रेल डायवर्सन से कोल कंपनियों को ही फायदा होने वाला है। जमीन के नीचे स्थित करोड़ों-अरबों का कोयला कोल कंपनियां ही निकाल कर बेचेंगी। ऐसा धनबाद-पाथरडीह रेल रूट बंद करने के बाद हुआ भी है। रेल रूट बंद होने के बाद बीसीसीएल कोयले का खनन कर रही है। जेआरडीए सूत्रों ने बताया कि कोयला मंत्रालय भारत सरकार के सचिव की अध्यक्षता में 31 जुलाई को नई दिल्ली में हुई हाई पावर कमेटी की बैठक में रेलवे ने साफ कर दिया कि वह नयी रेल लाइन बिछाने का खर्च वहन नहीं करेगी। रेलवे के इतिहास में भी करीब 200 किमी रेल लाइन का स्थायी डायवर्सन अब तक नहीं हुआ है। इस समस्या के समाधान के लिए हाई पावर कमेटी ने यूपीए सरकार के समय जीओएम गठन करने का प्रस्ताव दिया था। हाई पावर कमेटी की आगामी बैठक में रेल डायवर्सन के मुद्दे पर कुछ ठोस निर्णय लिये जाने के आसार हैं।
42 ट्रेनों का बदल जाएगा रूट
धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन बंद होने से 21 जोड़ी मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें प्रभावित होंगी। ट्रेनों के नाम हैं-पाटलीपुत्र एक्सप्रेस, वनांचल एक्सप्रेस, भागलपुर-रांची एक्सप्रेस, मौर्य एक्सप्रेस, धनबाद-रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस, जयनगर-रांची एक्सप्रेस, धनबाद-रांची पैसेंजर, शताब्दी एक्सप्रेस, कामाख्या एक्सप्रेस, अलेप्पी एक्सप्रेस, धनबाद-चंद्रपुरा पैसेंजर, धनबाद-झारग्राम पैसेंजर, गरीब रथ, दरभंगा-हैदराबाद एक्सप्रेस, दरभंगा-सिकंदराबाद एक्सप्रेस, धनबाद-मूरी पैसेंजर, शक्तिपूंज एक्सप्रेस, मालदा टाउन-सूरत एक्सप्रेस, न्यू जलपाईगुड़ी एक्सप्रेस, दुमका-रांची एक्सप्रेस, रांची-हावड़ा इंटरसिटी। इनमें लंबी दूरी की ट्रेने नये रूट पर चलेगी तो धनबाद-चंद्रपुरा के बीच चलने वाली पैसेंजर ट्रेने स्थायी रूप से बंद भी की जा सकती है।
14 स्टेशनों का मिट जाएगा नाम
धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन डायवर्सन के बाद 14 स्टेशन और हाल्ट के नाम मिट जाएंगे। ये स्टेशन धनबाद और चंद्रपुरा के बीच स्थित हैं। इनके नाम हैं-कुसुंडा, बसेरिया, बांसजोड़ा, सिजुआ, अंगारपथारा, तेतुलिया, सोनारडीह, टुंडू, बोदरा, फुलवारटांड, जमुनी, जमुनियाटांड, देवनगर।