नई दिल्ली/टीम डिजिटल। बेपटरी हुई रिंग रेल सेवा को फिर से पटरी पर लाने के लिए पुनरोद्धार किया जाएगा। इसमें रेलवे के अलावा दिल्ली सरकार और राइट्स की प्रमुख भूमिका होगी। तीनों के बीच इस बारे में एमओयू भी हुआ है, जिसमें रिंग रेल सेवा के आगे की योजना को लेकर स्टडी प्लान बनाया गया है।
1982 के एशियन गेम्स के साथ ही शुरुआत की गई रिंग रेल सेवा को फिर से पुनरुद्धार को लेकर नई कार्ययोजना तैयार की गई है। उत्तर रेलवे के दिल्ली डिविजन, दिल्ली सरकार और राइट्स के बीच हुए इस समझौते में रिंग रेल सेवा को लेकर कई पहलुओं पर चर्चा कर अमलीजामा पहनाने की बात हुई है।
समझौते...
more... के तहत रिंग रेल सेवा के बेहतरी के लिए कई प्रस्तावों पर अमल करने की बात कही गई है। इसमें रिंग रेलवे के वर्तमान और प्रस्तावित मास्टर प्लान के लिए अध्ययन, रिंग रेलवे रूट के लिए जमीन की योजना, रेलवे की भूमि को कमर्शियल प्रयोग, मार्केट का अध्ययन ताकि रिंग रेलवे से राजस्व मिल सके।
रिंग रेल सेवा रूट पर स्थित स्टेशन क्रमश दिल्ली किशन गंज, पटेल नगर, नारायणा विहार, सरोजनी नगर, लाजपत नगर स्टेशन को कमॢशयल विस्तार किया जाना। रिंग रेल रूट व स्टेशन के आसपास अतिक्रमण हटाने, ट्रैक व स्टेशन, एप्रोच रोड और आंतरिक सुविधाओं के लिए अतिरिक्त जमीन की सुविधा और आनेवाले योजनाओं के प्रस्ताव पर खर्चा के बारे में भी जिक्र किया गया है।
रिंग रेल सेवा को बढ़ाने के लिए मिलनेवाले राजस्व, रिंग रेलवे कॉरीडोर व स्टेशन के आस पास कमॢशयल डेवलपमेंट के लिए जमीन की उपलब्धता और इस पर आनेवाले खर्च की उपलब्धता को लेकर बिजनेस प्लान तक का जिक्र किया गया है। रिंग रेल सेवा को पुनरोद्धार के लिए चरणबद्ध तरीके से काम करने के लिए समय भी निर्धारित किया गया है।
एक नजर रिंग रेल सेवा
दिल्ली में 1982 में आयोजित होनेवाले एशियन गेम्स के मौके पर विशेषकर नौकरीपेशा व दैनिक यात्रियों के लिए सब अर्बन रिंग रेलवे सर्विस की शुरुआत की गई थी। ट्रेन की लेतलतीफी के कारण यात्रियों की घटती संख्या, असुरक्षा, स्टेशन पर फीडर व अन्य सुविधाओं जैसी कमी के चलते 90 मिनट में करीब 35 किलोमीटर चलनेवाली इस ट्रेन की यात्रा अब यात्रियों के लिए दुखदायी होती जा रही है।