दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में वर्तमान में कलमना से गोंदिया तक 124 किलोमीटर का 15 ब्लाक स्टेशन का रेल खंड, गोंदिया से गुदमा तक 12 किलोमीटर का 1 ब्लांक स्टेशन का रेल खंड, गतौरा से बिलासपुर तक 6.4 किलामीटर का 1 ब्लाॅक स्टेशन का रेल खंड, बिलासपुर से दाधापारा तक 7.2 किलोमीटर का 1 ब्लांक स्टेशन का रेल खंड पूर्णतः आटोमेटिक सिग्नल प्रणाली युक्त कर दी गई है।
बिलासपुर से जयरामनगर तक 14 किलोमीटर का कार्य भी चल रहा है। जयरामनगर से गतौरा स्टेशन तक 8 किलोमीटर, बिलासपुर से बिल्हा...
more... स्टेशन तक 16 किलोमीटर, आमगांव से सालेकसा स्टेशन तक 19 किलोमीटर व बिलासपुर से घुटकू स्टेशन तक 16 किलोमीटर रेल खण्डों को आटोमेटिक सिग्नल प्रणालीयुक्त करने की स्वीकृती प्राप्त हो चुकी है।
रेलवे में अभी तक एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन की दूरी को पार करने के बाद ही सिग्नल हरी होती है तब दूसरी गाडी को उस खंड पर आगे बढ़ने के लिए छोड़ी जाती है, परन्तु कुछ रेल खण्डों में आॅटोमेटिक सिग्नल प्रणाली लागू हो जाने से उन खण्डों पर प्रत्येक किलोमीटर में सिग्नल लगाए हैं, जिससे एक स्टेशन से छूटकर दूसरे स्टेशन के पहुंचने तक हर किलोमीटर पर लगे सिग्नल से होकर गुजरने पर गाड़ी की सही स्थिति का पता चलता है।
क्षमता में होगी वृद्धि
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में आॅटोमेटिक सिग्नल प्रणाली लागू हो जाने से अनेक लाभ रेलयात्रियों एवं दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के ग्राहकों को होगी जैसे- सम्पूर्ण रूप से आटोमेटिक सिग्नल प्रणाली लागू हो जाने से रेल खंडों की क्षमता में काफी वृद्धी होगी। जिसके फलस्वरूप प्रत्येक गाडी की औसत रफ्तार में भी काफी वृद्धी हो जाएगी। गाड़ियों को किलोमीटर-दर-किलोमीटर ट्रेस करना आसान हो जाएगा, जबकि अभी एक से दूसरे स्टेशन तक ही हो पा रही है। इस प्रकार किसी भी एक खंड पर गाड़ियों का जमाव की स्थिति नहीं बन पाएगी।