जागरण संवाददाता, गोरखपुर : रेलवे स्टेशन की तस्वीर बदल रही है। तेजी से चल रहे निर्माण कार्यो को देखकर लग रहा है कि जल्द ही कायाकल्प हो जाएगा। यात्री सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अब तो यात्रियों के वाहन पहले से निर्धारित बोगियों के ठीक सामने खड़े होंगे। यात्री अपने वाहन से उतरकर सीधे कोच में चढ़ जाएंगे। विश्व के सबसे लंबे प्लेटफार्म (1366.4 मीटर) पर पूर्वोत्तर रेलवे का सबसे बड़ा कैब वे बन रहा है।
प्लेटफार्म नंबर एक पर स्थित कैब वे का विस्तार नए पार्सल घर के अंतिम छोर तक हो चुका है। यात्री सीधे कैब वे से होते हुए प्लेटफार्म पर पहुंचेंगे। कैब वे पर जाने के लिए अलग से नया गेट भी बन गया है।...
more... खास बात यह है कि नया पार्सल घर और डीजल लाबी के लिए भी अलग- अलग गेट निर्धारित कर दिए गए हैं। तीनों गेट यात्रियों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। प्लेटफार्म नंबर एक पर कैब वे के विस्तार के दौरान पुरान पार्सल घर तोड़ दिया गया है। लेकिन, शेड और एक मजबूत भवन वैसे ही विरासत के रूप में खड़े हैं। शेड यात्रियों को राहत पहुंचाएंगे तो भवन में महिला और पुरुष यात्रियों के लिए वेटिंग रूम बनेगा। यही नहीं अब प्लेटफार्म नंबर एक पर ही जनरल टिकट भी मिल जाएगा। इसी भवन में दो बुकिंग काउंटर भी खोले जाएंगे। तैयारी जोरशोर से चल रही है। 22 नवंबर 2015 को यहां रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा था कि गोरखपुर देश के 400 आदर्श स्टेशनों में शामिल है। क्षेत्र की विरासत को समेटे एयरपोर्ट की तर्ज पर स्टेशन का विकास होगा। जहां ट्रेन से उतरने पर यात्रियों को लगे कि वह गोरखपुर में आ गए हैं।
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