आपके विचारों में कुछ परिवर्तन करना चाहूँगा:
1: दैनिक यात्रियों को समय से घर से निकलना चाहिए ताकि टिकट ले सकें ।
2: coach के बाहर carrying capacity लिखी रहती है । अगर उतने यात्री कोच में हों तो कृपया उस कोच अथवा ट्रेन में न चढ़ें ।
3: चलती गाड़ी में टिकेट उपलब्द्ध कराने से booking windows का औचित्य ही खत्म हो जायेगा।...
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4: अगर 100 के पर waiting list में टिकट मिल रही है तो वो लेनी ही नहीं चाहिए क्योंकि कोच बढ़ाना एक लम्बी प्रक्रिया है और सभी trains में सम्भव भी नहीं है ।
5: खानपान पहले से ही निजी हाथों में है ।
6: बेईमान यात्रियों को भी कढ़ी सज़ा मिलनी चाहिए जिससे वो बुरी नियत से या प्रतीक्षा सूची का ticket लेकर यात्रा न करें क्योंकि रेल नियम के अनुसार दोनों ही गलत हैं।
7: कर्मियों का pramotion या गलती पर ही स्थानान्तरण होना चाहिए क्योंकि उनका भी परिवार होता है । बिना वजह ट्रान्सफर से कर्मचारी हतोउत्साहित होगा और रेल का भी नुकसान होगा ।
8: किसी भी अनारक्षित यात्री को आरक्षित कोच में अपनी सीट पर नही बैठने देना चाहिए जिससे आपकी यात्रा सुरक्षित होगी क्योंकि हो सकता है वो यात्री चोरहो जो बाद में आपका सामान चोरी कर ले जाये ।