इस लाइन पर जितने भी मानवरहित क्रॉसिंग पडते हैं, सभी पर एक अनोखी घटना घटती है। ट्रेन क्रॉसिंग से पहले रुकती है, ड्राइवर सडक के दोनों तरफ देखता है कि कोई वाहन तो नहीं आ रहा, सन्तुष्ट होने पर सीटी बजाकर गाडी को आगे बढा देता है। इसके लिये रेलवे लाइन पर फाटक से पहले ड्राइवर के लिये चेतावनी भी लिखी है कि ठहरिये और सावधानी से चलिये। ऐसा मैंने और कहीं नहीं देखा।
कुवारिया स्टेशन का नजारा तो और भी मजेदार था। वहां प्लेटफार्म पर मुख्य गेट के पास ही एक तालाबन्द बक्सा रखा हुआ था। बक्सा एक पत्थर पर रखा था और डण्डे के सहारे टिका था। मैं सोचने लगा कि यह क्या मामला है। तभी एक आदमी आया...
more... और उसके पास दूसरे पत्थर पर बैठ गया और बक्सा खोल दिया। वह बक्सा टिकट काउण्टर था। उसमें गत्ते वाले टिकट थे लेकिन वहां टिकट पर तारीख डालने वाली पंच मशीन नहीं थी इसलिये वो काम पेन से कर दिया जाता था। है ना मजेदार! सौजन्य: नीरजजी
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