मित्रा जी कभी तो सकारात्मक सोचिये फोकटिया बूढी दौड़ाने से ही तो रेलवे की ये दुर्गति हुई है भारतीय रेल विश्व में सबसे कम किराया ले रही है इसको जिन्दा होने दो नहीं तो पैदल चलना पड़ेगा , स्वस्थ सोच रखिये रेलवे लाभ कमाए और कमाए गए धन से उन हमारे भाइयों तक भी रेल सेवा पहुचे जो अब तक इस सेवा से वंचित हैं , विचार ही मनुष्य के आचारण का प्रतिबिम्ब होता है फ़ोकट में सब कुछ भिखारियों को चाहिए भिखारी कितना भी संपन्न हो जाये आत्मा सम्मान तो नहीं न होता है उसके पास , सम्मानित नागरिक की तरह आचरण कीजिये ये देश अपना देश ...
more... है हम यहाँ हफ्ता दस दिन फ़ोकट की रोटी तोड़कर फिर दुसरे देश तो भीख मांगने जायेंगे नहीं तो फिर इस देश को आत्मा निर्भर होने दीजिये अपने आचरण को सकारात्मक बनाइये