देश के लिए कुछ करने की चाह में एक आदमी का आप खिल्ली उड़ा रहे हो, मगर आप चंद आदमीयों को शायद ये भी पता नहीं की कभी आइंन्स्टीन, न्यूटन का भी आप जैसा नाबुझ / नाकाम आदमी आपलोगों ही की तरह खिल्ली उड़ाया करता था । क्वैरी आप दीपक जी से करो, कैसे नयी सोच के साथ IR को बदला जा सकता है - क्योंकि मुझे कुछ पता है उनके वारे |