मेरा नाम मदन मोहन मीणा है और यह मेरा पहला यात्रा वृतांत है जो कि मैं IRI पर पोस्ट कर रहा हूं मुझे अंग्रेजी तो आती नहीं है इसलिए हिंदी में लिख रहा हूं
अभी 17 जनवरी को मेरी रेलवे NTPC की परीक्षा थी और मेरा परीक्षा केंद्र लखनऊ आया था मैं फिलहाल जयपुर में हूं
मैंने सीधी गाड़ी से लखनऊ नहीं जाकर इसको एक अच्छी ट्रिप बनाने के लिए कई गाड़ियों का सहारा लिया सबसे पहले मैंने आला हजरत एक्सप्रेस जगतपुरा रेलवे स्टेशन से पकड़ी । मेरा गाड़ी में रिजर्वेशन नहीं...
more... था मगर रेलवे का एग्जाम पास था इसलिए मैं जाकर Sleeper में बैठ गया मुझे जाते ही विंडो सीट मिल गई.
मैं बड़ा खुश हुआ और बाहर का नजारा देखने लगा लेकिन यह खुशी ज्यादा देर तक नहीं टिक सकी। और दौसा रेलवे स्टेशन आते ही उस सीट पर एक सवारी आ गई और मेरी विंडो सीट चली गई मैं बीच वाली सीट पर आ गया
फिर में वीच वाली सीट पर से ही बाहर का नजारा देख रहा था लेकिन यह खुशी भी ज्यादा देर नहीं टिक सकी और बांदीकुई से काफी सारे यात्री गाड़ी में आ गए सभी की सीटें थी और मजबूरी में मुझे खड़ा होना पड़ा फिर मैंने एक अंकल से पूछा कि ऊपर वाली Seat आपकी है तो उनहोने कहा हां और मैं उनकी ऊपर वाली बर्थ पर बैठ गया इसके बाद मैं दिल्ली तक ऊपर वाली बर्थ पर ही बैठा रहा और अपनी एग्जाम से संबंधित किताबें पढ़ते रहा।
आला हजरत एक्सप्रेस ससि र्फ मेरा बरेली जाने का विचार था मगर मैं रेल Fanning के लिए विवेकानंद पुरी हॉल्ट जो की सराय रोहिल्ला स्टेशन के पास में है पर गया और मैंने वहां से EMU पकड़ी और उस से में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन गया
वहां पर मैंने काफी सारी फोटो खींची बहुत सरी।
डिब्रूगढ़ राजधानी रांची राजधानी और मुंबई राजधानी खड़ी थी। मुंबई राजधानी के पास में तेजस एक्सप्रेस में खड़ी थी जिसके आगे EMU का लोको लगा था।
फिर मैं नई दिल्ली स्टेशन के बाहर गया और मैंने होटल पर खाना खाया खाना खाकर मैं फिर से जब वापस आया तो मैंने सोचा कि प्लेटफार्म नंबर 14 पर चलते हैं जहां से नई दिल्ली मालदा एक्सप्रेस को पकड़ लेंगे जो कि मुझे बरेली उतार देगी लेकिन जब मैं प्लेटफार्म नंबर 14 के लिए ब्रिज पर चढ़ा और उतरने की कोशिश करी तो वहां पर इतनी ज्यादा भीड़ थी कि मे मुझे उतरने हुए लगभग 20 मिनट लग गए।
मैंने एक सवारी से पूछा कि यह भीड़ किस लिए है तो उसने कहा कि बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस आने वाली है तभी मैंने देखा कि पूर्वा एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर 13 पर खड़ी थी मुझे लगा कि इतनी ज्यादा भीड की प्लेटफार्म पर सवारियां खड़ी नहीं हो पा रही है तो कुछ लोग पुरवा में भी जाएंगे तथा आधी सी सवारी पूर्वा की भी होगी
लेकिन पूर्वा के लगते ही उसमें ज्यादा सवारिया नहीं बैठी संपर्क क्रांति के लिए लंबी लंबी लाइन लगी हुई थी और प्लेटफार्म पर इधर से उधर हिलना भी बहुत मुश्किल हो रहा था और तभी प्लेटफार्म नंबर 14 पर जहां पर हावड़ा राजधानी आनी थी और संपर्क क्रांति भी आनी थी और मालदा एक्सप्रेस भी आनी थी इसमें से कोई भी गाड़ी पहले आ सकती थी सभी सवारियों को उम्मीद थी कि संपर्क क्रांति लगेगी लेकिन अचानक से एक गाड़ी लगी और जैसे ही लोगों ने देखा तो यह नई दिल्ली मालदा एक्सप्रेस थी
मालदा एक्सप्रेस भी पटना जाति थी लेकिन मुझे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि इस गाड़ी में जनरल भी एकदम खाली थी
आगरा राजधानी उधम दूरी से छूटने वाली थी मालदा एक्सप्रेस सही समय पर प्लेटफॉर्म से छूट गई और इसके बाद गाजियाबाद से भर गई पर धीरे-धीरे गाड़ी मुरादाबाद आई और एक बरेली पहुंच गया बरेली है गाड़ी 11:00 बजे पहुंची मुझे मेरे छोटे भाई का इंतजार करना पड़ा बरेली जंक्शन पर और वह रात में 1:00 बजे लखनऊ से आया तब तक मैंने स्टेशन पर काफी सारे फोटो लिए और मैं घुमा फिरा
मैंने कहीं quizz भी कराई जोकि जो कि आप लोगों ने शायद देखे होंगे
अगले दिन मैं दिन भर घर पर रहा और फिर मैंने 17 तारीख को सुबह 4:00 बजे बरेली जंक्शन पर पहुंच गया जहां से मुझे लखनऊ के लिए गाड़ी पकड़नी थी लखनऊ पर उस समय दून एक्सप्रेस आई लेकिन दून एक्सप्रेस में सोने की जगह नहीं थी तो मैं उस में नहीं गया फिर उसके बाद कुंभ एक्सप्रेस आई और कुंभ एक्सप्रेस के स्लीपर लगभग आधे खाली थे मैं जाकर एक स्लीपर में सो गया जब मैं जगा तो गाड़ी काकोरी पर खड़ी थी काकोरी पर रुकने के बाद यह आगे चली और आलमबाग के आउटर पर रुक गई फिर यह आलमबाग पर भी रुकी फिर वहां से धीरे धीरे बहुत धीरे धीरे चलते हुए लखनऊ चारबाग पहुंच गई।
वहां से मैं एग्जाम देने गया और एग्जाम दी फिर मैं वापस आया और मैंने सोचा कि गंगापुर सिटी जाता हूं मेरे पास जयपुर जाने का भी ऑप्शन था लेकिन मैंने गंगापुर सिटी का आप्शन चुना जहां मेरा गांव है मैंने कोटा पटना पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं था इसलिए मैं लखनऊ अहमदाबाद एक्सप्रेस में बैठकर मथुरा जाने के विचार से गाडीमैं चुनी मैने सोचा कि वहां से गोल्डन टेंपल मेल पकड़ लूंगा
किस्मत से मुझे लखनऊ पहुंच मेरे एक अंकल जोकिंग थे वह मिल गए हैं और उनकी Duty लखनऊ AC Exp में दिल्ली तक लगी थी उन्होंने मुझे अहमदाबाद एक्सप्रेस में 3 ac में बैठा दिया फिर यह गाड़ी अपने समय से चल दी
मगर लखनऊ अहमदाबाद एक्सप्रेस कोहरे की वजह से 40-50 की स्पीड से ऊपर ही नहीं हुई और यह गाड़ी लगातार चलने के बावजूद भी मथुरा जंक्शन 10:30 बजे पहुंची मैंने सोचा कि गोल्डन टेंपल जा चुकी होगी मगर जब मैंने देखा तो पता चला कि गोल्डन टेंपल भी 5:30 घंटे की देरी से आ रही थी
अब मैं गंगापुर सिटी जाने के लिए कोई भी ट्रेन नहीं थी जन शताब्दी से पहले तो मैं काफी देर तक मथुरा जंक्शन पर खड़ा रहा और इधर से उधर घूमता रहा काफी सारे फोटोस लिए बहुत सारी गाड़ियों के आने जाने के फोटो लेता रहा पर ताज एक्सप्रेस भी आई थी जिसको मैंने पहली बार एलएचबी में देखा था काफी सारी चेकिंग थी वहां पर बहुत सारे लोगो को tt पकड़ रहे थे
मैंने काफी लोगों के फोटो खीचे एक आरपीएफ वाले ने मुझे कहा कि यह आप क्या कर रहे हो मैंने कहीं कुछ नहीं आप अच्छा काम कर रहे हो तो मैं आपकी फोटो ले रहा हूं वह खुश हो गया अब बारी थी जन शताब्दी एक्सप्रेस के आने की जोकि 1 घंटे की देरी से आ रही थी और यह 4:30 बजे मथुरा जंक्शन आने वाली थी लेकिन उससे पहले मथुरा सवाई माधोपुर पैसेंजर 3:00 बजे छूटने वाली थी मुझे पता था कि जनशताब्दी एक्सप्रेस इस पैसेंजर को रास्ते में ही ओवरटेक कर देगी लेकिन मैंने देखा कि पैसेंजर में हमेशा की तरह लालागुडा WAP 7 लगा था और मुझे पता था कि हफ्ते में 4 से 5 दिन इस गाड़ी में LGD WAP 7 लगता है और फिर मैंने जन शताब्दी का ऑप्शन छोड़कर पैसेंजर से जाने का विचार किया
पैसेंजर का सही समय 14बजे था लेकिन यह गाड़ी सवा 15:00 बजे मथुरा जंक्शन से छूटी
मगर जसे ही यह गाड़ी मथुरा जंक्शन पर से छूटी तो इतना अच्छा स्टार्ट अप किया कि मजा आ गया सारा सफर एक तरफ और इस गाड़ी का स्टार्ट आप एक तरफ इस गाड़ी ने इतनी तेजी से पिक अप बनाया की एकदम से मुझे बिल्कुल लगा कि इस बार में सही में देश के सबसे तेज रूटों में से एक रूट पर सफ़र कर रहा हूं अभी तक के सफर में जितना मज़ा नहीं आया था उससे ज्यादा मजा मुझे इस गाड़ी में सिर्फ स्टार्ट अप देखने में आ गया इतना शानदार Acceleration था
गाड़ी एकदम खाली थी और बहुत अच्छी परफॉर्मेंस दे रही थी भरतपुर से यह गाड़ी भर गई और उसके बाद में भरतपुर से छूटते ही गाड़ी में चेन खींच गई और गाड़ी कुछ देर खड़ी रही इसके बाद फिर से चल दी कोटा जनशताब्दी ने इस गाड़ी को फतेह सिंह पुरा रेलवे स्टेशन पर ओवरटेक कर दिया उसके बाद संपर्क क्रांति एक्सप्रेस ने इसको हिंडोन सिटी पर ओवरटेक किया और इस गाड़ी ने मुझे शाम 6:00 बजे गंगापुर सिटी रेलवे स्टेशन पर उतार दिया जहां से मैं अपने गांव गया
अगले दिन मैंने 59806 पैसेंजर पकडी और मैं जयपुर आ गया दोनों पैसेंजर से सफर करने के दौरान मैंने काफी सारे स्टेशन के फोटो लिए ताकि मुझे टाइम लाइन पर मदद मिले और इस तरह में काफी लंबे सफर से वापस जयपुर आ गया उम्मीद है कि आप को मेरा ट्रेवलोग ज्यादा बुरा नहीं लगा होगा
धन्यवाद