महंगाई बढ़ाओ, लेकिन लोगो को इस काबिल भी बनाओ की वो सुविधा का लाभ उठा सके। संविदा ख़त्म होनी चाहिए और परमानेंट जॉब मिलनी चाहिए। प्राइवेट वाले खून बहुत चूसते हैं काम ज़यादा लेते हैं और पैसे कम देते हैं। सारे आर्गेनाइजेशन गवर्नमेंट के होने चाहिए। प्राइवेट आर्गेनाइजेशन नहीं होने चाहिए। प्राइवेटाइजेशन ख़त्म न हो सके तो न के बराबर हो, या बहुत कम हो। सरकार का घाटा हो रहा है इसलिए महंगाई बढ़ रही है। और लोगो का क्या ? जब आमदनी ही नहीं बढ़ेगी तो ये लोग भी कहाँ से पैसे देंगे।