लखनऊ में हर सप्ताह होगी डेमू की जांच
प्रतापगढ़। स्टेशन पर डेमू के खड़ी किए जाने के लिए जगह नहीं है। निगोहां में दुर्घटना न हुई होती तो सुबह शंटिंग के समय कई ट्रेनों को इधर-उधर करना पड़ता। सबसे ज्यादा दिक्कत रविवार को होती। इसके लिए स्टेशन प्रशासन ने रविवार को डेमू को लखनऊ में जांच के लिए भेजने का निर्णय लिया है।
डेमू को हफ्ते में छह दिन ही चलाया जाना है। रविवार को यह स्टेशन पर ही खड़ी रखी जाएगी। इसके दिन भर वाशिंग लाइन पर खड़ी किए जाने से...
more... सुबह आने वाली पद्मावत और रात में आने वाली शटल को खड़ी करने में समस्या का सामना करना पड़ता है। निगोहां हादसे के चलते पद्मावत को लखनऊ में ही रोक दिया गया। आनन-फानन यह योजना भी बन गई कि रविवार को दिन में डेमू लखनऊ में खड़ी होगी। इस दौरान इस ट्रेन की पूरी तरह जांच भी हो जाएगी। प्रतापगढ़ स्टेशन पर वैसे भी ट्रेनों की आंशिक जांच होती है। ऐसे में यहां इसे खड़ी रखने का कोई औचित्य नहीं था। यह ट्रेन अब शनिवार की रात में यात्रियों को छोड़ने के बाद लखनऊ के लिए लौटा दी जाएगी। रविवार को यह लखनऊ में रहेगी। रात में इसे फिर से प्रतापगढ़ लाया जाएगा। सुबह इसे तैयार करके फिर से रवाना किया जाएगा। इससे अन्य ट्रेनों आदि की शंटिंग आसानी से हो जाएगी।
स्थानीय रेलवे स्टेशन से लखनऊ के लिए शटल ट्रेन चलाई जाती है। यह ट्रेन रात में करीब 11 बजे स्टेशन पहुंचती है और फिर खड़ी कर दी जाती है। इसके पहले डेमू आ जाती है और उसे भी वाशिंग लाइन पर ही खड़ा किया जाता। इसके अलावा मंगलवार, शुक्रवार और रविवार को भोपाल एक्सप्रेस ट्रेन खड़ी होती है। एक लाइन पर दो ट्रेनें तो किसी तरह से खड़ी की जा सकती हैं लेकिन तीन ट्रेनें खड़ी करने में दिक्कत होती है। ऐसे में डेमू को लखनऊ भेजने से काफी हद तक समस्या का समाधान हो जाएगा।
डेमू की बनावट अलग तरह की है। इसमें शंटिंग आदि नहीं कराई जाती। इस ट्रेन को कहीं से काटा भी नहीं जा सकता। यही नहीं किसी डिब्बे में लाइट आदि की समस्या के लिए यहां के कर्मी प्रशिक्षित भी नहीं हैं। इसके अलावा इंजन, ब्रेक के साथ ही अन्य चेकिंग के लिए समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में हफ्ते में एक दिन यह पूरी तरह से चेक की जाएगी।
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