राजधानी जैसे गारी को इलाहाबाद से कानपूर आने में 3 घंटे और कानपूर से नयी दिल्ली आने में 8 घंटे का वक्त लग रहा हैं तोह राजधानी के साथ जनता तथा उद्यान आभा तूफ़ान जैसी खटारा गरियो के बीच में क्या अंतर रह गया....??? आखीर यह यात्रियों की पैसे के साथ खिलवार तोह नहीं हो रही जो 3365 रूपये देके प्रथम श्रेणी वातानुकूलित में यात्रा कर रहे हैं....???
आखीर कब खुलेगा इस देश की सर्कार के आँख....???