इंदौर। नईदुनिया प्रतिनिधि
इंदौर की रेल विस्तार परियोजनाएं और अन्य रेल सुविधाओं के काम बुरी तरह पिछड़ गए हैं। कुछ प्रोजेक्ट तय समय-सीमा में पूरे नहीं हुए और कुछ का काम बेहद धीमी गति से हो रहा है। इन सबसे यात्रियों को तो परेशानी हो ही रही है, निर्माण लागत भी लगातार बढ़ रही है। रेल मंत्रालय को इसकी जांच करना चाहिए कि इतनी देरी क्यों हो रही है? वरिष्ठ स्तर पर भी लगातार मॉनीटरिंग की जरूरत है।
ये शिकायत लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के आदेश पर उनके प्रधान सचिव सुनील तांतेड़ ने...
more... रेल मंत्री सुरेश प्रभु के कार्यालय को लिखित में भेजी। पत्र में प्रत्यक्ष रूप से पश्चिम रेलवे निर्माण विभाग के अफसरों पर सवाल खड़े किए गए हैं। लोकसभा स्पीकर की ओर से कहा गया है कि वे परियोजनाओं और रेल सुविधाओं के काम तेजी लाने के लिए तुरंत कड़े प्रशासनिक कदम उठाएं और उन्हें समय-सीमा में पूरे कराएं। इस दिशा में रेल मंत्रालय जो भी कदम उठाए, उसकी जानकारी भी लोकसभा स्पीकर ऑफिस ने रेल मंत्री के पीएस से मांगी है।
इन परियोजनाओं की ओर खींचा ध्यान
- रतलाम-इंदौर-महू-खंडवा का काम कई साल अधूरा है और इतना लंबा समय लगने से यात्रियों को परेशानी हो रही है।
- महू-खंडवा ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट के तहत पातालपानी से चोरल के बीच बिछने वाली डायवर्शन लाइन का अलाइनमेंट अब तक फाइनल नहीं हो सका है।
- लगातार कहने के बावजूद इंदौर और महू की पिटलाइन का काम अधूरा है, जिससे नई ट्रेन शुरू करने में समस्या आ रही है।
इंदौर में खुले आईआरसीटीसी का रीजनल ऑफिस
लोकसभा स्पीकर की ओर से रेल मंत्री से आग्रह किया गया है कि इंदौर में इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) का रीजनल ऑफिस शुरू किया जाए। अब तक इंदौर में आईआरसीटीसी का सेंटर भोपाल के रीजनल ऑफिस के साथ काम कर रहा है। यदि आय और यात्री संख्या की बात करें तो इंदौर सेंटर भोपाल रीजनल ऑफिस की तुलना में ज्यादा आगे है। आईआरसीटीसी इंदौर में बड़ी कैटरिंग यूनिट के अलावा रिफ्रेशमेंट रूम और कैफेटेरिया का संचालन भी जल्द शुरू करेगा। इन तथ्यों को देखते हुए रेल मंत्रालय को इंदौर में रीजनल ऑफिस खोलना चाहिए।