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विजन रिपोर्ट 2025: एमएसडीई ने विभिन्न हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करके अपनी विजन रिपोर्ट 2025 तैयार की है। विजन रिपोर्ट 2025 के मसौदे पर एमएसडीई के सचिव की अध्यक्षता में आयोजित कई समीक्षा बैठकों में चर्चा की गई है, जिसमें मंत्रालय के विभिन्न अंगों के प्रमुख और संलग्न संगठन जैसे डीजीटी, एनएसडीए, एनएसडीसी और एनआईईएसबीयूडी एंड आईआईई शामिल हुए।
महिलाओं के लिए...
more... पहल:
8 मार्च 2020 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, आईआईएम बैंगलोर, कर्नाटक में एमएसडीई द्वारा महात्मा गांधी नेशनल फैलोशिप (एमजीएनएफ) प्रोग्राम नामक दो वर्षीय प्रोग्राम की शुरूआत की गई। इस फेलोशिप प्रोग्राम की अवधारणा वर्ल्ड बैंक लोन असिस्टेड स्किल एक्विजिशन एंड नॉलेज अवेयरनेस फॉर लाइवलीहुड प्रमोशन (संकल्प) प्रोग्राम के अंतर्गत की गई है। कुल चयनित 75 फैलो में से, 32 महिला हैं (कुल का 43 प्रतिशत)।
कोविड-19 के लिए पहल:
i. कोविड-19 के आलोक में रणनीति योजना बनाने के लिए गठित किए गए मंत्रालय के एक टास्क फोर्स ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सिफारिशों के साथ अपनी रिपोर्ट 16.04.2020 को प्रस्तुत की, जिसमें इस क्षेत्र के विकास के लिए तत्काल कदम उठाने, बाधाओं का सामना करने वाली नीतियों को पूरा करने के लिए रणनीतियां बनाने, कार्य की शुरूआत करने के लिए इस क्षेत्र के खिलाड़ियों के लिए व्यापार योजना तैयार करने, मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित करने और विश्व निर्यात में भारत की भागेदारी को सुरक्षित रखने और उसे बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाने के सुझाव दिए गए हैं।
ii. यद्यपि, मंत्रालय ने एनएसटीआई/ आईटीआई के सभी परिसरों को आइसोलेशन/ क्वारंटाइन सुविधाओं के लिए उपलब्ध कराया है, अब तक प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, कोरोना के आलोक में जिला प्राधिकारियों द्वारा 12 एनएसटीआई/ आईटीआई भवनों की मांग की गई है। इसी प्रकार, पीएमकेवीवाई प्रशिक्षण साझेदारों द्वारा भी अस्थायी अस्पताल सहित ऐसी सुविधाओं के लिए अपने परिसर उपलब्ध कराए गए हैं।
iii. एमएसडीई पारिस्थितिकी तंत्र के अंतर्गत आने वाले संस्थान, मास्क और हैंड सैनिटाइजर के निर्माण में सक्रिय रहे हैं। जेएसएस के द्वारा अब तक जहां 30 लाख से ज्यादा मास्क बनाए गए हैं, वहीं आईटीआई ने 20 लाख से ज्यादा मास्क बनाए गए हैं, वहीं पीएमकेवीआई प्रशिक्षण साझेदारों ने 20 लाख मास्क बनाए हैं। स्थानीय प्रशासन के सहयोग से कुल 70 लाख मास्क बनाए गए हैं।
iv. आईटीआई और एनएसटीआईएस द्वारा कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सहायता प्रदान करने के लिए कई नवाचार किए गए हैं। इनमें आईटीआई कटक द्वारा डिजाइन और विकासित किए गए डिजाइन रोबोट (रोगियों को भोजन/ दवा देने के लिए) और टेली-प्रेजेंटेशन रोबोट (टेली-मॉनिटरिंग और टेलीमेडिसिन को सक्षम बनाने के लिए) शामिल हैं। आईटीआई बरहमपुर ने एक एयरोसोल बॉक्स तैयार किया है जो स्वास्थ्य प्रदाता के चेहरे की मजबूती से रक्षा करता है। एनएसटीआई ने एक एयरो ब्लास्टर विकसित किया है और इसे शहर की सफाई के लिए जिला प्रशासन को सौंपा गया है।
स्वदेश: कौशल विकास एवं उद्यमिता, नागरिक उड्डयन और विदेश मंत्रालयों की एक सहयोगात्मक पहल, स्वदेश (स्किल्ड वर्कर्स एराइवल डेटाबेस फॉर एम्प्लॉयमेंट सपोर्ट), वंदे भारत अभियान के अंतर्गत वापस लौटने वाले नागरिकों के लिए एक कौशल मानचित्रण अभ्यास है। स्वदेश का उद्देश्य, भारतीय और विदेशी कंपनियों की मांग पूरा करने और उनके कौशल का उपयोग करने के लिए, कौशल और अनुभव के आधार पर योग्य नागरिकों के लिए एक डाटाबेस तैयार करना है।
असीम: सूचना प्रवाह में सुधार लाने और बाजार में कुशल कार्यबल की मांग-आपूर्ति के अंतर को कम करने के लिए, एमएसडीई द्वारा हाल ही में कुशल लोगों के लिए आजीविका का स्थायी अवसर खोजने में सहायता प्रदान करने के लिए 'आत्मनिर्भर स्किल्ड एम्प्लॉई इम्प्लॉयर मैपिंग’ (असीम) पोर्टल की शुरूआत की गई है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित प्लेटफॉर्म की परिकल्पना, कार्यबल के कैरियर को मजबूती प्रदान करने के लिए की गई है, उद्योगों के लिए उन्हें प्रासंगिक कौशल प्रदान करने और उनकी यात्राओं के माध्यम से उभरते रोजगार के अवसरों का पता लगाने के लिए। पीएमकेवीवाई और शुल्क-आधारित पाठ्यक्रमों के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त किए हुए 24 लाख उम्मीदवार असीम पर उपलब्ध हैं। इसमें प्रशिक्षण महानिदेशालय के अंतर्गत आईटीआई में प्रशिक्षण प्राप्त किए हुए 1.5 लाख उम्मीदवारों को भी जोड़ा गया है और नियोक्ताओं के लिए ‘स्वदेश’ (स्किल्ड वर्कर्स एराइवल डेटाबेस फॉर एम्प्लॉयमेंट सपोर्ट) के अंतर्गत डाटा उपलब्ध है। साथ ही, पीएमकेवीवाई 2.0 के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त किए हुए सभी 1.2 करोड़ उम्मीदवारों के डेटा से जोड़ने की दिशा में काम किया जा रहा है।
एसजी/एएम/एसकेजे/एके/डीसी
(रिलीज़ आईडी: 1638906) आगंतुक पटल : 79