केरल एक्सप्रेस और पश्चिम एक्सप्रेस में मामूली भिड़ंत, बी 2 कोच क्षतिग्रस्त::
रेलवे कर्मचारियों औार अधिकारियों की लापरवाही की वजह से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार को पश्चिम एक्सप्रेस और केरल एक्सप्रेस की मामूली भिडंत में पश्चिम एक्सप्रेस का वातानुकूलित यान का बी2 कोच क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि इस टक्कर में किसी यात्री को चोट नहीं आई।
रेलवे के प्रवक्ता नीरज शर्मा के अनुसार नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार शाम 4.45 बजे केरल एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म संख्या चार पर...
more... यात्रियों को उतारकर वाशिंग लाइन में पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर जाने लगी। इसलिए सेटिंग स्टाफ यह चेक रहे थे कि गाड़ी जाम तो नहीं है। इस दौरान सेटिंग स्टाफ बतौर चालक ने सिग्नल नहीं होने के बाद भी ट्रेन को काफी पीछे की ओर पुश कर दिया। जिसके बाद केरल एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म संख्या 5 पर अमृतसर से चलकर मुम्बई के लिए जाने वाली पश्चिम एक्सप्रेस ट्रेन की वातानुकूलित यान का बी2 कोच केरल एक्सप्रेस के गार्ड वाले डिब्बे से टकरा गया।
टक्कर में पश्चिम एक्सप्रेस का वातानुकूलित यान बी2 कोच क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि इससे यात्रियों को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ। घटना की सूचना जैसे ही स्टेशन अधिकारियों को मिलते ही चारों ओर अफरा-तफरी मच गई। मौके पर पहुंचने के बाद एसएम और जनसंपर्क अधिकारी ने राहत की सांस ली। कुछ समय बाद पश्चिम एक्सप्रेस के क्षतिग्रस्त कोच को बदलकर ट्रेन को डेढ़ घंटे की देरी से मुम्बई के लिए रवाना किया गया। शर्मा ने बताया कि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इस मामले में दोषी पर कार्रवाई की जाएगी।
वाकी टॉकी ठीक होता तो टल सकता था हादसा
अगर केरल एक्सप्रेस के सेटिंग स्टाफ के पास वाकी-टॉकी ठीक होता तो केरल एक्सप्रेस और पश्चिम एक्सप्रेस में भिड़ंत नहीं होती। सूत्रों के अनुसार प्लेटफॉर्म संख्या 4 पर खड़ी केरल एक्सप्रेस यात्रियों को उतारने के बाद जब धुलाई के लिए वाशिंग यार्ड में जा रही थी तो बिना सिग्नल के ही गार्ड के डब्बे में तैनात सेटिंग गार्ड ने वाकी-टॉकी से ट्रेन के ड्राइवर को पीछे से आ रही पश्चिम एक्सप्रेस के आने की सूचना देकर ट्रेन को रोकने के लिए कहा था लेकिन ड्राइवर के पास मौजूद वाकी-टॉकी खराब होने के कारण ड्राइवर गार्ड के आदेश को नहीं सुन पाया और दोनों ट्रेनों में भिड़ंत हो गई।
सेटिंग के कार्य से लेकर रेलवे स्टेशन पर कार्यरत कर्मचारियों व अधिकारियों ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि स्टेशन पर कर्मचारियों व अधिकारियों को दिए गए वाकी-टॉकी 85 प्रतिशत खराब है। कर्मचारी वाकी-टॉकी खराब होने की शिकायत अतिरिक्त स्टेशन के प्रशासन व डीआरएम के बीच होने वाली बैठक में कई बार कर चुके हैं। इसके ठीक नहीं होने के पीछे कभी बजट तो कभी अन्य कारणों को बताया जाता रहा है।
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