समझ में नहीं आ रहा हो क्या रहा है
एक दिन न्यूज़ आती है कि अयोध्या की ट्रैन चाहिए
दुसरे दिन न्यूज़ आती है हरिद्वार के लिए ट्रैन मिल सकती है
झाँसी मंडल अगरतला / कामाख्या का प्रस्ताव बना कर भेजता है,
होने...
more... वाला कुछ नहीं है, जबतक बोर्ड नहीं चाहता।
झाँसी-इलाहबाद इंटरसिटी का प्रस्ताव कब से लटका हुआ जबकि इसके लिए किसी दुसरे जोन से भी अनुमति की जरूरत नहीं है।
कल से चम्बल एक्सप्रेस एक दिन आगरा जा रही है, मतलब के दिन के लिए वाशिंग लाइन खाली होगी, शायद एक ट्रैन मिल जाये ..
राजधानी के हाल्ट की डिमांड सब कर रहे हैं जबकि मुंबई के लिए ट्रेनों की कमी नहीं यहाँ तक लश्कर एक्सप्रेस, झांसी - बांद्रा को डेडिकेटेड ट्रैन भी कह सकते हैं,
यदि इतनी डिमांड सिंगरौली , पुडुचेर्री एक्सप्रेस की होती तो शायद अभी तक हाल्ट मिल जाता क्योंकि यहाँ के लिए ट्रैन भी नहीं थी