भारतीय रेल की आधे घंटे के लिए उपलब्ध तत्काल-सेवा रिजर्वेशन सिस्टम में पारदर्शिता एकदम समझ से परे की चीज है ! ६-८ घंटे पहले लाइन में लगने के बाद भी शुरू के २-३ मिनट में ही पूरे भारत की ट्रेनें भर जाती हैं, जबकि केवल एक रिजर्वेशन फॉर्म को बुक करने में ही कम से कम ३-५ मिनट का समय लगता ही है ! इस आधे घंटे के समय में IRCTC की साईट पर जबकि एजेंट को login की अनुमति नहीं है तो इंडिविजुअल को लिंक मिलने से पहले ही पूरे भारत की सीटें कौन २-३ मिनट में ही साफ़ कर लेता है ? अबश्य ही इसके पीछे रेल-बिभाग का ही कोई खेल है जिसे कोई भी यात्री नहीं समझ पा रहा और दिन पर दिन केवल परेशानी ही झेल रहा है !
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ये ही हाल लगभग ६० दिन पहले रिजर्वेशन कराने पर होता है, जिसमें लगभग १ घंटे के अन्दर ही वेटिंग लिस्ट शुरु हो जाती है !
कोई है जो पब्लिक को इन हालात से मुक्ति दिला सके ? केवल किराया बढ़ाते रहना ही अब रेल-सेवा ब सरकार का मुख्य उदेश्य रह गया है, भले ही ट्रेनें ८ से १२ घंटे लेट चलें, दुर्घटना-ग्रस्त होती रहें और यात्री असुरक्षित सफ़र करते रहें !