अहमदाबाद. अहमदाबाद रेल मंडल (Ahmedabad railway Division) के भुज स्टेशन (Bhuj Railway station) पर गुजरात (Gujarat) का पहला ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट (Automatic coach washing plant) बनाया गया है। यह प्लांट 2.12 करोड़ रुपए की लागत सै तैयार किया गया। रेलवे बोर्ड के मेम्बर रोलिंग स्टोक तथा भारत सरकार के पदेन सचिव राजेश अग्रवाल ने भुज स्टेशन पर इस वॉशिंग प्लांट का उद्घाटन किया।
इस मौके पर अग्रवाल ने बताया कि रेलवे (Railway) हमेशा यात्रियों को बेहतर एवं साफसुथरी सेवाएं मुहैया कराता है। यह गुजरात का पहला ऑटोमैटिक प्लांट है, जो करीब 2.12 करोड रुपये की लागत से तैयार किया गया है। यह कोचिंग डिपो पश्चिम रेलवे (Western railway) का एक अहम कोचिंग डिपो है जहां कच्छ एक्सप्रेस (kutch express) व...
more... सयाजीनगरी (Sayaji nagari) जैसी ट्रेनों का मेन्टेनेन्स होता है। ये ट्रेनें कच्छ को मुंबई व अहमदाबाद (Ahmedabad) से जोडती है। इसके अलावा यह डिपो भुज - बरेली व बांद्रा - भुज जैसी ट्रेनों को सुरक्षित तरीके से चलाने में भी अपनी सेवाए देती हैं। उन्होंने भुज व गांधीधाम क्षेत्र में यात्रियों की रेलयात्रा (Railway yatra) आरामदायक बनाने के लिए भी रेलवे सेवाओं की समीक्षा की।
ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट के बारेमें उन्होंने बताया कि जब ट्रेन 5 से 8 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरती है तो पटरी के दोनो और लगा यह प्लांट 15 से 20 मिनट में उसे साफ कर देता है। जब ट्रेन इस एरियामें पहुंचती है तो फोटो इलेक्ट्रिक सेसंर्स से प्लांट खुद ही चालू हो जाता है। कोचों की विभिन्न चरणों में सफाई होती है जैसे पहले उसे गीला करना फिर डिटर्जेंट स्प्रे करना, ब्रश रगडना तथा आखिर में उसे सुखाना ये सभी कार्य ऑटोमेटिक होते हैं, जिससे मेनपावर की बचत होगी तथा ट्रेनों की स्वच्छता में गुणवत्तापूर्वक सुधार होगा।
इस अवसर पर पश्चिम रेलवे के प्रधान मुख्य यांत्रिक इंजीनियर अशेष अग्रवाल, अपर मण्डल रेल प्रबंधक परिमल शिंदे, वरिष्ठ मण्डल यांत्रिक इंजीनियर पदम सिंह जाधव तथा एरिया मेनेजर गांधीधाम आदिश पठानिया सहित वरिष्ठ रेल अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
Hwh me nahi hai kya koi washing pit
Similar plant was installed in Kandivali Yard for EMUs. However, I think after few months it stopped working. It seems the railway authorities just want to waste public money on substandard things.
Hope this time the quality and intent is there to continue with this upgrade.
Kandivli shed soon went up for upgrading into a small ELS exclusively for P5 and P7s which still hasn't happened. Virar and Kalwa EMU facilities have it without problems. SNPD, too has it or will get soon enough. Please bear in mind, EMU washing pit is different and is just for 12 or max. 15 coachers. Bhuj will have a mainline ICF/LHB washing pit/plant for at least 24 ICF coaches.
Seemanchal express ko isse cross karwana chahiye 1 baar :P
Coaches ka outer surface hamesha ganda hota hai Seema ka