गोरखपुर. आल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन (एआईआरएफ) के महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने कहा कि न्यू पेंशन स्कीम लागू होने से रेलवे में 2004 के बाद नियुक्त छह लाख रेलकर्मी पेंशन से वंचित हो गए हैं. रेल को टुकड़े-टुकड़े बांटकर निजीकरण और निगमीकरण का खेल शुरू हो चुका है. रेलवे को बचाने के लिए सभी यूनियन को एक मंच पर लाकर बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
इसमें यात्रियों को भी शामिल करेंगे. आंदोलन पूरी तरह से गैर राजनीतिक होगा. 8 जनवरी को सेंट्रल ट्रेड यूनियन ने संसद के सामने प्रदर्शन की घोषणा की है, एआईआरएफ और इससे जुड़े संगठन इसका समर्थन करेंगे. सभी जगहों पर धरना-प्रदर्शन होगा. इसी दिन आगे के आंदोलन की तिथि भी तय होगी.
घाटे...
more... में है निजी ट्रेन, रेलवे बोर्ड, सरकार कर रही झूठा प्रचार
आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआइआरएफ) के महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने कहा कि रेलवे बोर्ड ही नहीं सरकार भी झूठा प्रचार कर रही है कि देश की पहली कॉरपोरेट एक्सप्रेस तेजस 70 लाख के फायदे में है. लोगों को भ्रमित किया जा रहा है, जबकि यह ट्रेन पूरी तरह से घाटे में चल रही है. इसके बाद भी रेलवे बोर्ड ने 150 प्राइवेट ट्रेन और 50 स्टेशनों को निजी हाथों में देने की योजना तैयार कर ली है.
सरकार ने मजबूर किया तो हड़ताल तय
एनई रेलवे मजदूर यूनियन के 59वें वार्षिक अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेने आए शिव गोपाल मिश्र ने कहा कि फेडरेशन सरकार की मंशा सफल नहीं होने देगा. ट्रेनों और स्टेशनों को बेचने नहीं दिया जाएगा. न रेलवे का निजीकरण होगा और न ही निगमीकरण. सरकार ने मजबूर किया तो हड़ताल होगा. एक साथ देशभर में भारतीय रेलवे का चक्का जाम हो जाएगा. अब कोई विकल्प भी नहीं बचा है.
चुनौती बनती जा रही सरकार की योजनाएं
बातचीत को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि रेलवे में निजीकरण, निगमीकरण, नई पेंशन योजना, खाली होते रिक्त पद और कर्मचारियों के बढ़ते कार्य की अवधि बड़ी चुनौती बनती जा रही है. चेन्नई में आयोजित एआइआरएफ के अधिवेशन में लड़ाई की रणनीति पर मुहर लग चुकी है. हड़ताल की सफलता पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि फेडरेशन देश भर के श्रमिक और कर्मचारी संगठनों को एक मंच पर लाने का कार्य करेगा.
इसके लिए संगठनों बातचीत की जा रही है. पत्र लिखा जा रहा है. कर्मचारी संगठन ही नहीं रेल उपभोक्ताओं को भी आंदोलन से जोड़ा जाएगा, क्योंकि अब यह आंदोलन फेडरेशन और रेल कर्मचारियों का ही नहीं आम जन का मुद्दा बन गया है. फेडरेशन कर्मचारियों के अन्य मुद्दों पर दूसरे संगठनों को भी सपोर्ट कर रहा है.
संसद के सामने प्रदर्शन करेगा सेंट्रल ट्रेड यूनियन
श्री मिश्रा ने कहा कि सेंट्रल ट्रेड यूनियन ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर बजट सत्र में आठ जनवरी को संसद पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. आज स्थिति यह है कि पेंशन बंद होने से छह लाख से अधिक युवाओं का भविष्य अंधकार में है. फेडरेशन भी संसद सहित देशभर में आंदोलन करेगा. निजीकरण, निगमीकरण पर अंकुश लगाने तथा पुरानी पेंशन योजना की बहाली पर सरकार नहीं मानी तो फेडरेशन बजट सत्र में ही हड़ताल की घोषणा भी कर देगा. लेकिन हड़ताल को राजनीतिक रंग नहीं देंगे.
रेलवे में ढाई लाख पद रिक्त, 90 हजार में हो रही भर्ती
एआईआरएफ महामंत्री श्री मिश्र ने कहा कि रेलवे में ढाई लाख पद रिक्त है. 90 हजार पदों पर भर्ती हो रही है और एक लाख पद रेलकर्मियों के सेवानिवृत्त होने से खाली हो जाएंगे. कालोनियों में आवासों की मरम्मत नहीं हो रही है. ट्रैकमैन, कीमैन, गार्ड, लोको पायलट अगर नींद भर सोएंगे नहीं तो कार्य कैसे करेंगे, लेकिन रेलवे का ध्यान इस पर नहीं है.