कोटा.
रामगंजमंडी-भोपाल रेल परियोजना के लिए समय पर पर्याप्त बजट नहीं मिलने और कार्य की गति धीमी होने के कारण डेढ़ दशक में 262 में से केवल 26 किमी रेल लाइन ही बनी है।
उप मुख्य अभियंता निर्माण, कोटा की देखरेख में करीब 165 किमी रेललाइन का निर्माण किया जाना है। बाकी कार्य भोपाल मंडल करेगा। 165 किमी लाइन पर कुल 16 स्टेशनों का निर्माण किया जाना था, लेकिन अभी जुल्मी और झालावाड़ सिटी दो ही स्टेशन तैयार हुए हैं। कोटा के सांसद ओम बिरला और राजगढ़ के सांसद रोडमल नागर ने...
more... रेल महाप्रबंधक से इस परियोजना को गति देने की मांग की है।
सांसद रोडमल नागर ने बताया कि समय पर बजट नहीं मिलने के कारण इस परियोजना की लागत दो गुना से भी ज्यादा हो गई है। यह परियोजना 2001-01 में शुरू हुई थी, उस समय इसकी लागत 1215 करोड़ 90 लाख रुपए आंकी गई थी। अब इस योजना की लागत बढ़कर करीब 2700 करोड़ होने का अनुमान है।
राज्य सरकारों से भी मांगी मदद
सांसदों और महाप्रबंधक की बैठक में पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार इस योजना को पूरा करने के लिए रेलवे ने राज्य सरकारों से परियोजना की लागत साझा करने का अनुरोध किया था, इस पर मध्यप्रदेश 10 प्रतिशत लागत साझा करने के विचार पर सहमत हो गया है। वहीं राजस्थान सरकार ने इस पर कुछ स्पष्टीकरण मांगे हैं।
पश्चिम मध्य रेलवे ने गत 15 जुलाई 2016 को रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजकर योजना को जल्द पूरा करने के लिए 1374 करोड़ मांगे हैं। इस परियोजना के पूरा होने पर कोटा से भोपाल की दूरी कम हो जाएगी। राजस्थान और मध्यप्रदेश के लोगों को इसका पूरा लाभ मिलेगा।