यह सिर्फ रेलवे अफसरों की बहाने बाजी और हमारे जनप्रतिनिधियों की अर्कम्णण्यता है जो ग्वालियर इटावा रूट के चालू होने के तीन साल बाद भी ट्रेनों का परिचालन नही हो सका है त्यौहारो अौर ग्रिष्म काल में जो सेकडों गाडियाँ चलाई जाती है वे क्या हवा में चलती है उनकै लिए रूट कहाँ से आता है हवा से?