बेल्हा में रेलवे क्रॉसिंग पर जाम और हादसों से निजात के लिए जल्द तीन अंडरपास रेलवे बनाएगा। साथ ही मुसाफिरों की सहूलियत के लिए प्रतापगढ़ स्टेशन पर प्लेटफॉर्म का विस्तार किया जाएगा। स्वचालित सीढ़ियां और लिफ्ट भी जल्द प्रतापगढ़ रेलवे स्टेशन पर लगाई जाएंगी। यह बातें मंगलवार को निरीक्षण पर आए लखनऊ रेल मंडल के डीआरएम संजय त्रिपाठी ने पत्रकारों से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि रेलवे में अभी समस्याएं दूर करने को जोरों पर काम चल रहा है। चार से पांच साल में बड़ा बदलाव दिखेगा।
डीआरएम ने कहा कि अभी रेलवे के पास डीजल इंजन की अधिक हैं। इलेक्ट्रिक इंजन की कमी से कई जगह विद्युतीकरण होने के बावजूद इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलाना संभव नहीं हो रहा है। हर साल...
more... एक हजार इलेक्ट्रिक इंजन बन रहे हैं। अमेठी से वाराणसी तक ट्रैक दोहरीकरण का काम भी अगले साल पूरा होगा। इसके बाद ट्रेनों की लेटलतीफी दूर हो जाएगी।
स्टेशन और अस्पताल में मिलीं खामियां
पहली बार स्टेशन के निरीक्षण पर आए लखनऊ मंडल के डीआरएम व उनकी टीम ने स्टेशन से अस्पताल तक मुआयना किया। कई जगह खामियां नजर आईं। हालांकि कई कार्य निर्माणाधीन होने से डीआरएम जिम्मेदारों को निर्देश देकर चले गए।डीआराएम संजय त्रिपाठी की चार कोच की स्पेशल ट्रेन मंगलवार दिन 11:30 बजे स्टेशन पहुंची। उनके साथ एडीआरएम काजी मेराज अहमद, अमित श्रीवास्तव, सीनियर डीओएम अजीत सिन्हा, सीनियर डीएसओ अजय यादव, सीनियर डीपीओ मुकेश बहादुर सिंह, सीएमएस डॉ. विश्वमोहिनी शर्मा भी आए। ट्रेन से उतरते ही डीआरएम गेट से बाहर निकले और स्टेशन भवन पर रेलवे यूनियन का बैनर देख नाराजगी जताई। जीआरपी थाने के पास रेलवे के खराब उपकरण देख उसे तत्काल हटवाने का निर्देश दिया। आरपीएफ थाना देखने के बाद वह रेलवे अस्पताल पहुंच गए। अस्पताल में ईंट के सहारे टिकी टूटी बेंच देख उसे तुरंत हटवाया। बाद में अस्पताल का रजिस्टर चेक किया। स्टेशन पर उन्होंने प्लेटफार्म व अन्य स्थानों पर चल रहा निर्माण कार्य भी देखा।
बदहाल मिले दांदूपुर व गौरा के भवन गौरा। प्रतापगढ़ से भदोही जाते समय डीआरएम ने दांदूपुर व गौरा स्टेशन का भी निरीक्षण किया। स्टेशन भवन और कर्मचारियों के आवास जर्जर मिले। सफाई के साथ ही लाइट की व्यवस्था में भी कमी दिखी। उन्होंने लाइट जलाने को कहा लेकिन कई लाइट नहीं जलीं। .एसओ जीआरपी ने भी सौंपा ज्ञापन डीआरएम को एसओ जीआरपी फूल सिंह ने भी ज्ञापन सौंपा। एसओ ने अपने ज्ञापन में जीआरपी कर्मचारियों के रहने के लिए आवास के प्रबंध की मांग की।
बीमार के इलाज में अनदेखी का आरोप प्रतापगढ़। डीआरएम के रेलवे अस्पताल निरीक्षण के दौरान एसओ जीआरपी ने डॉक्टर पर मरीज के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। एसओ जीआरपी फूल सिंह ने डीआरएम को बताया कि ट्रेन में यात्री के बीमार या घायल होने पर रेलवे डॉक्टर नहीं आते। फोन करने पर पहले वह बाहर होने की बात कहते हैं। फिर स्टेशन अधीक्षक की ओर से मेमो भेजने की सलाह देते हैं। ऐसे में ट्रेन लेट होती है। बीमार व घायल यात्री का निजी या जिला अस्पताल में इलाज कराना होता है। इस पर डीआरएम ने अस्पताल के प्रभारी डॉ. केएम मिश्र को कहा कि वह जीआरपी के बुलाने पर सीधे जाएं। मेमो का इंतजार नहीं करने को कहा। डीआरएम ने सीएमएस डॉ. विश्व मोहिनी सिन्हा को इस बाबत पत्र भी जारी करने का निर्देश दिया।
चिलबिला में देखा प्लेटफार्म, फुट ओवरब्रिज डीआरएम की स्पेशल ट्रेन चिलबिला स्टेशन पर भी रुकी। वह 12.50 बजे चिलबिला पहुंचे और 1.20 बजे तक निरीक्षण किया। स्टेशन अधीक्षक इबरार अहमद से जानकारी लेने के बाद डीआरएम ने प्लेटफार्म, फुट ओवरब्रिज और पेयजल की व्यस्था देखी। चिलबिला से अलग होने वाली लखनऊ और सुल्तानपुर की रेल लाइन का भी निरीक्षण किया। प्रतापगढ़ आते समय उन्होंने सई नदी का पुल भी देखा।