- इनके लिए भोपाल स्टेशन पर निर्धारित है सिर्फ प्लेटफार्म-1
- प्लेटफार्म पर ज्यादा दबाव के कारण बीना, उज्जैन की तरफ से आने वाली ट्रेनों को निशातपुरा, सूखीसेवनिया रोकना पड़ रहा
- रेलवे ने तीसरी लाइन बनाई, लेकिन भोपाल में प्लेटफार्म नहीं बढ़ाया, इसलिए बन रही स्थिति
- रोज हजारों यात्री हो रहे परेशान
भोपाल।...
more... नवदुनिया प्रतिनिधि
भोपाल स्टेशन पर 48 ट्रेनों के लिए सिर्फ एक नंबर प्लेटफार्म है। ये सभी 48 ट्रेनें इसी प्लेटफार्म से होकर इटारसी की तरफ गुजरती हैं। इनमें से करीब 25 ट्रेनों को रोज निशातपुरा, सूखीसेवनिया व संत हिरदाराम नगर स्टेशन के आसपास 5 मिनट से लेकर पौन घंटे तक रोकना पड़ रहा है। पैसेंजर ट्रेनें तो एक से डेढ़ घंटे तक रोकी जा रही हैं। एक प्लेटफार्म पर 48 ट्रेनों का दबाव होने के कारण यह स्थिति बन रही है। इसके कारण रोजाना हजारों यात्री आउटर पर परेशान हो रहे हैं। इटारसी की तरफ जाने वाली इन ट्रेनों के लिए भोपाल में दूसरा प्लेटफार्म नहीं बनने तक यही स्थिति रहेगी।
भोपाल रेलवे स्टेशन का ऑप्रेटिंग लेआउट (ट्रेनों को चलाने के लिए यार्ड में बिछाई गई पटरियों की डिजाइन) सालों पुराना है। जिस पटरी पर बीना की तरफ से ट्रेनें आकर इटारसी जाती हैं उस पटरी को प्लेटफार्म-1 से जोड़ा गया है। सालों पहले कम ट्रेनें थी इसलिए प्लेटफार्म-1 पर दबाव कम था। अब 48 ट्रेनें इसी प्लेटफार्म पर लेनी पड़ रही है इसके कारण दबाव बढ़ा है। फिर भी बीना की तरफ से आने वाली ट्रेनों के लिए दूसरा प्लेटफार्म नहीं बनाया जा रहा है। वहीं जिस पटरी पर इटारसी की तरफ ट्रेनें आकर बीना जाती हैं उसे प्लेटफार्म 2 व 3 से जोड़ा है इसके कारण इटारसी की तरफ से आने वाली ट्रेनें को दो में से किसी भी प्लेटफार्म पर लिया जा सकता है इसलिए ये ट्रेनें आउटर पर खड़ी नहीं करनी पड़ती।
दूसरे प्लेटफार्मों पर ट्रेनें ली तो बीना-उज्जैन की तरफ जाने वाली ट्रेनें प्रभावित होंगी
1 - बीना की तरफ से आने वाली ट्रेनों को प्लेटफार्म-4, 5 व 6 पर लिया तो इटारसी की तरफ से आने वाली ट्रेनें प्रभावित होंगी। ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि बीना की तरफ से आने वाली ट्रेनें प्लेटफार्म-1, 2 व 3 की पटरियों को क्रास करेंगे। फिर प्लेटफार्म-4, 5 व 6 पर जाएंगी। जब ये ट्रेनें इटारसी के लिए चलेंगी तो अप लाइन (इटारसी मुख्य लाइन) पर आने के लिए इन ट्रेनों को फिर दूसरे प्लेटफार्मों की पटरियों को क्रास करना पड़ेगा। पटरियों को पार करने वाले इस ऑपरेशन में एक ट्रेन को कम से कम 20 से 30 मिनट (ट्रेन के स्टॉपेज को छोड़कर) लगेंगे। इसी तरह दूसरी ट्रेनें प्रभावित होंगी।
2 - हालांकि फिर भी उज्जैन व बीना की तरफ आने-जाने वाली करीब 28 ट्रेनों को प्लेटफार्म-4, 5 व 6 पर लिया जाता है। इनमें महामना, बिलासपुर एक्सप्रेस, बीना-भोपाल-बीना मेमू, विंध्याचल, भोपाल-प्रतापगढ़ एक्सप्रेस व इंदौर-उज्जैन पैसेंजर जैसी ट्रेनों शामिल हैं।
तीसरी लाइन का पूरा फायदा नहीं मिल रहा
बीना से भोपाल के बीच तीसरी लाइन चालू हो गई है। इनमें से दो लाइनों पर बीना से भोपाल तक साथ-साथ दौड़ने वाली एक ही ट्रेन को भोपाल में प्लेटफार्म-1 पर लिया जाता है। दूसरी ट्रेन को आउटर पर रोकना पड़ता है। जब प्लेटफार्म-1 खाली होता है तब दूसरी ट्रेन को उक्त प्लेटफार्म पर लेते हैं। इस तरह यात्रियों को तीसरी लाइन का भी पूरा फायदा नहीं मिल रहा है।
एक अतिरिक्त प्लेटफार्म बनाना ही होगा
मंडल रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति के सदस्य निरंजन वाधवानी का कहना है कि रेलवे बोर्ड, जबलपुर जोन के अधिकारियों को इस समस्या को पहले ही सुलझा लेना था। बीना की तरफ से इटारसी जाने वाली ट्रेनों के लिए एक अतिरिक्त प्लेटफार्म बना ही होगा, तभी समस्या से निजात मिलेगी।
प्लेटफार्म बनने तक अपना सकते हैं ये तरीका
- रेलवे मामलों के जानकारों का कहना है कि कुछ ट्रेनों को भोपाल की बजाए निशातपुरा में रोका जा सकता है और भोपाल से थू्र निकालकर फिर हबीबगंज में रोका जा सकता है। ऐसा करने से पहले निशातपुरा को पूरी तरह विकसित करना होगा। भोपाल तक आवागमन के साधन भी बढ़ाने होंगे। लेकिन यह स्थाई समाधान नहीं है, इसमें भोपाल के यात्रियों को दिक्कतें होंगी।
प्लेटफार्म तो जरूरी
भोपाल स्टेशन पर अप की तरफ जाने वाली ट्रेनों के लिए एक प्लेटफार्म तो जरुरी है। प्लेटफार्म बनाया तो स्टेशन के ऑप्रेटिंग लेआउट में कई बदलाव करने होंगे, तो कम समय में संभव नहीं है। फिर भी इसके लिए प्रयास करेंगे। फिलहाल 15 दिन पहले यार्ड में कुछ ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाई है ताकि ट्रेनें जल्दी निकल सकें।
- उदय बोरवणकर, डीआरएम भोपाल रेल मंडल
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